प्रयागराज : कोटे के तहत निजी विद्यालय में प्रवेश को लेकर विशेष अपील खारिज
अमृत विचार, प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक निजी विद्यालय में एडमिशन के मामले में कहा कि याची को समायोजित करने की संभावना न होने के कारण विपक्षियों को कोई निर्देश जारी नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने एकल न्यायाधीश के आदेश में कोई अवैधता या दुर्बलता ना देखते हुए वर्तमान विशेष अपील को खारिज कर दिया। उक्त आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने मास्टर अरजीत प्रताप सिंह की विशेष अपील को खारिज करते हुए पारित किया।
मामले के अनुसार अरजीत प्रताप सिंह का जन्म मार्च 2020 में हुआ। याची अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित था और उसके विकलांग पिता की मासिक आय 6000 रुपए प्रतिमाह थी। उक्त प्रमाण पत्रों के साथ याची ने मुरादाबाद स्थित आर्यंस इंटरनेशनल स्कूल में प्री-नर्सरी में वंचित समूह के लिए आरक्षित 25 प्रतिशत कोटा के तहत प्रवेश हेतु आवेदन किया।
फरवरी 2024 को स्कूल के आवंटन के लिए लॉटरी आयोजित की गई थी, जिसमें याची के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया गया और कहा गया था कि वह उसी वार्ड के स्कूल में आवेदन करे। इसे ही याची ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर एकलपीठ ने स्कूल को याची के एडमिशन पर विचार करने का निर्देश देते हुए कहा था कि अगर संबंधित स्कूलों में संबंधित वार्ड के सभी आवेदनों पर विचार करने के बाद भी प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने से पहले सीटें उपलब्ध हैं और प्रवेश प्रक्रिया पहले ही समाप्त हो चुकी है तो याची को अगले शैक्षणिक सत्र 2024-25 में जाने की स्वतंत्रता होगी।
मालूम हो कि याची मुरादाबाद के वार्ड संख्या 15 का निवासी है जबकि उपरोक्त स्कूल वार्ड संख्या 16 में स्थित है। हालांकि याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया था कि याची का आवेदन पत्र गलत तरीके से खारिज कर दिया गया था। कोर्ट के पूर्व आदेश पर कोई कार्यवाही न होने पर याची ने वर्तमान विशेष अपील दाखिल की।
