सीतापुर: एमपी-एमएलए कोर्ट से पूर्व सपा विधायक राधेश्याम जायसवाल दोषी करार, फैसला आज
वर्ष 2008 में अतिक्रमण हटाने के दौरान विधायक पर समर्थकों संग तोड़फोड़ और सरकारी कार्य में बाधा डालने का था आरोप
सीतापुर, अमृत विचार। समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक राधेश्याम जायसवाल को एमपी-एमएलए कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। वर्ष 2008 में बाजार में अवैध अतिक्रमण हटाये जाने के दौरान हुई पत्थरबाजी और सरकारी कार्य में अवरोध उत्पन्न करने के आरोप में कोर्ट ने पूर्व विधायक को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया है। आज मंगलवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में पूर्व विधायक को सजा सुनाई जाएगी।
बताते चले सदर सीट से पूर्व सपा विधायक रहे राधेश्याम जायसवाल पर बसपा शासन काल के दौरान ईओ नगर पालिका सीतापुर निहाल चंद्र ने लालबाग बाजार में अवैध अतिक्रमण हटाये जाने के दौरान सरकारी कार्य में बाधा और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज कराया था। वर्ष 2008 में आरोप राधेश्याम जायसवाल सदर सीट से सपा विधायक थे।
आरोप था कि जब नगर पालिका की टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची तो सपा विधायक राधेश्याम जायसवाल अपने समर्थकों के साथ लालबाग बाजार पहुंचकर अतिक्रमण हटाओं अभियान का विरोध दर्ज कराया। आरोप था कि इसके साथ ही राधेश्याम जायसवाल और उनके समर्थकों ने सरकारी सम्पत्ति में तोड़-फोड़ कर सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न कर टीम को बैरंग ही वापस लौटा दिया। तत्कालीन ईओ पालिका ने तत्कालीन विधायक राधेश्याम को नामजद करते हुए 10 से 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
बताया जाता है कि पुलिस ने विवेचना के दौरान अज्ञात लोगों को नाम हटाकर तत्कालीन विधायक राधेश्याम जायसवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 147,353 और 427 का आरोपी बनाकर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी। एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई के 16 साल बाद सोमवार शाम को न्यायाधीश राजेंद्र सिंह ने पूर्व विधायक को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया। मंगलवार आज पूर्व विधायक पर आरोपों के आधार पर सजा सुनाई जाएगी।
झूठी गवाही के आरोप में नपा के 4 कर्मियों को नोटिस
बताया जाता है कि एमपी-एमएलए कोर्ट ने मामले में चार नगर पालिका कर्मचारियों को नोटिस भेजी गई है। इन कर्मचारियों में तत्कालीन संपत्ति लिपिक राकेश मिश्रा, सुशील श्रीवास्तव सहित दो कर्मी शामिल है। बताया जाता है कि इन कर्मियों ने न्यायालय में झूठी गवाही देकर गुमराह करने का प्रयास किया था।
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