बाराबंकी: 600 ग्राम पंचायतें बनेंगी मॉडल, 50 करोड़ से अधिक होंगे खर्च

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Published By Deepak Mishra
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तीसरे चरण में पांच हजार से कम आबादी वाली पंचायतों के बहूरेंगे दिन, जून के अंतिम सप्ताह तक मिलेगा बजट, कार्ययोजना बनाने की तैयारी

बाराबंकी, अमृत विचार। स्वच्छ भारत मिशन के फेज-3 में पांच हजार से कम आबादी वाली करीब 600 ग्राम पंचायतों को भी मॉडल बनाने के प्रयास शुरू हो चुके हैं। पंचायत राज विभाग सचिवों के माध्यम से कार्ययोजना तैयार करने की तैयारी में लगा है। चुनाव आचार संहिता हटने के बाद जून के अंतिम सप्ताह में बजट मिलने की बात कही गई है। इससे पहले दो चरणों में लगभग साढ़े आठ सौ से अधिक ग्राम पंचायतों को मॉडल बनाने का दावा किया गया है।

स्वच्छता सरकार की प्राथमिकता में है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले की 1155 ग्राम पंचायतों में से पहले 61 ग्राम पंचायतें तो वहीं दूसरे चरण में करीब 500 के आसपास ग्राम पंचायतों में मॉडल के रुप में विकसित किया गया। इसके तहत इन गांवों में गीला व सूखा कचरा डंपिग के लिए अलग-अलग कूृड़ा घर बनाए गए। 

इसके साथ ही कूड़ा एकत्र के लिए उपकरण आदि खरीदे गए। वहीं कूड़े का घर से उठान होने के साथ ही अन्य गतिविधियां भी शुरू की गईं। इसके साथ ही ठोस कूड़ा प्रबंधन, वर्मी कंपोस्ट पिट के निर्माण सहित अन्य व्यवस्थाएं भी कराई गईं। इन चयनित गांवों में आबादी के अनुसार बजट खर्च किया गया। 

अब तीसरे चरण में शेष बचे ग्राम पंचायतों को भी मॉडल के रुप में बनाने की तैयारी की गई है। इसके तहत शेष बचे पांच हजार से कम आबादी वाले करीब 600 ग्राम पंचायतों को भी मॉडल के रुप में चयन किया गया। जहां रिकवरी रिसोर्स सेंटर के निर्माण से लेकर अन्य कार्य कराए जाएंगे। ऐसे में अब पंचायत राज विभाग इन शेष बची ग्राम पंचायतों को भी मॉडल बनाने की मुहिम में जुट गया है। 

जहां डोर टू डोर कूड़ा निस्तारण, ठोस कूड़ा प्रबंधन, वर्मी कंपोस्ट पिट निर्माण सहित अन्य व्यवस्थाएं की जाएगी। इसके लिए सचिवों से कार्ययोजना बनाने के लिए कहा गया है। मतगणना के बाद आचार संहिता हटते ही ग्राम पंचायतों को बजट उपलब्ध कराया जाएगा। इसके बाद तीसरे चरण का काम तेजी से शुरु होगा। इस बार करीब 50 करोड़ का बजट खर्च होने का अनुमान है।

यह है रिसोर्स रिकवरी सेंटर

ग्राम पंचायतों के लिए रिसोर्स रिकवरी सेंटर निर्माण की योजना है। यहां पर ठोस और तरल कचरे को अलग किया जाएगा। कचरे को उपयोगी बनाने के लिए कार्य होगा। इससे बायोगैस और जैविक खाद भी तैयार होगी। स्वयं सहायता समूहों को इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी।

यह होंगे काम

ग्राम पंचायतों को सुंदर व मॉडल बनाने के लिए स्वच्छता को लेकर विशेष अभियान चलेगा। हर गली व चौराहे पर पथ प्रकाश की व्यवस्था होगी। इतना ही नहीं तालाबों का सुंदरीकरण कराया जाएगा। गांवों में सड़कों की मरम्मत होगी, सीसी रोड निर्माण, जलभराव की समस्या का समाधान कराया जाएगा। कहीं पर भी कूड़े के ढेर नहीं लगने दिए जाएंगे। पार्क विकसित करने के साथ व्यायामशाला व वालीबॉल कोर्ट के निर्माण भी कराए जाएंगे।

स्वच्छ भारत मिशन के फेज-थ्री में जिले को मॉडल के रूप में विकसित किया जाना है। इस बार शेष बचे करीब छह सौ गांवों को मॉडल के तौर पर विकसित करने की तैयारी चल रही है। इन गांवों के लिए कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिए गए हैं। चुनाव बाद बजट जारी किया जाएगा..., उद्धव सिंह, जिला समन्वयक स्वच्छता मिशन।

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