Lok Sabha Election 2024: राबर्ट्सगंज संसदीय सीट! भाजपा के बागी पूर्व सांसद पर दांव लगा सकती है सपा,...

सांसद पकौड़ी कोल की बहू विधायक रिंकी कोल अब अपना दल से मैदान में

Lok Sabha Election 2024: राबर्ट्सगंज संसदीय सीट! भाजपा के बागी पूर्व सांसद पर दांव लगा सकती है सपा,...

चुनाव डेस्क, दिग्जिवय सिंह। राबर्ट्सगंज लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला कांटे का हो सकता है। समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए बड़ा दांव खेला है। पार्टी यहां से भाजपा के बागी पूर्व सांसद  छोटेलाल खरवार को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है।

ऐसे में यहां से भाजपा की सहयोगी अपना दल की उम्मीदवार विधायक रिंकी कोल के लिए चुनाव जीतना मुश्किल होगा। अपना दल ने यहां से वर्तमान सांसद पकौड़ी लाल कोल का टिकट काट कर उनकी नाराजगी के बाद भी बहू रिंकी कोल को मैदान में उतारा है। सांसद पकौड़ी कोल ने जाति विशेष पर टिप्पणी की थी। इसी को उनका टिकट काटे जाने का आधार माना जा रहा है। 

2014 की मोदी लहर में भाजपा ने इस लोकसभा सीट से छोटेलाल खरवार को मैदान में उतारा था। छोटे लाल खरवार नेतृत्व की उम्मीदों पर खरे उतरे थे। उन्होंने इस सीट को 1.90 लाख वोटों के अंतर से जीत लिया था। छोटे लाल को उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें 2019 में भी टिकट देगी लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया था क्योंकि पार्टी ने यह सीट गठबंधन में शामिल अपना दल एस को दे दिया था।

तब अपना दल ने सपा से 2009 में सांसद रहे पकौड़ी लाल को मैदान में उतार कर मैदान मार लिया था। इस बार भी छोटे लाल खरवार ने भाजपा नेतृत्व से टिकट मांगा था। बताते हैं कि वे चाहते थे कि उन्हें अपना दल के सिंबल पर ही मैदान में उतार दे पर ऐसा नहीं हुआ। परिणाम स्वरूप सपा नेतृत्व ने उन्हें अपना लिया। छोटे लाल खरवार का सपा में जाना भाजपा और अपना दल गठबंधन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। सपा यदि इस सीट पर उन्हें मौका देती है तो मुकाबला रोचक हो जाएगा।

यहां की दु्द्धी विधानसभा  क्षेत्र में खरवार जाति निर्णायक होता है। यह विधानसभा, राबर्ट्सगंज संसदीय क्षेत्र में आती है। यहां उप चुनाव भी हो रहा है। इसका असर उप चुनाव में भी दिखेगा। छोटेलाल खरवार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पूर्व सांसद दुद्दी सीट से टिकट मांग रहे थे यहां से भी उनके हाथ निराशा लगी। उधर रिंकी कोल को टिकट दिए जाने से सांसद पकौड़ी लाल कोल भी नेतृत्व से नाराज थे। वे चाहते थे कि यदि उन्हें टिकट नहीं दिया जा रहा है तो उनके बेटे को दिया जाए पर पार्टी नेतृत्व ने उनकी नाराजगी को अनसुना करके उनकी बहू को टिकट दे दिया।

यही वजह थी कि पहले रिंकी ने इन्कार किया और बाद में वह चुनाव लड़ने को राजी हुईं। बसपा ने इस सीट पर धनेश्वर गौतम को उम्मीदवार बनाया है। वह वर्ष 2017 व 2022 में छानबे विधानसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। बसपा इस सीट पर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाना चाह रही है। अब देखना यह है कि वह कितना सफल हो पाती है।

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