कासगंज: मतदान के बाद आंकड़ेबाजी के साथ ही सट्टेबाजी भी तेज, जातिगत आंकड़ों को जीत हार का आधार बना रहे हैं गणितज्ञ

कासगंज: मतदान के बाद आंकड़ेबाजी के साथ ही सट्टेबाजी भी तेज, जातिगत आंकड़ों को जीत हार का आधार बना रहे हैं गणितज्ञ

पटियाली के गांव बड़ौला में चुनावी चर्चा करते ग्रामीण

कासगंज, अमृत विचार। एटा-कासगंज लोकसभा क्षेत्र में मतदान के बाद अब लोगों ने आंकड़ेबाजी के साथ ही सट्टेबाजी तेज कर दी है। प्रत्याशियों की जीत हार का गणित का लगाकर मोटी शर्तों से लेकर सट्टा लगाया जा रहा है। हर कोई चुनावी चर्चा में मशगूल है। तमाम गणितज्ञ जातिगत आंकड़ों को जीत हार का आधार बना रहे हैं। आम लोगों के साथ साथ सरकारी महकमों भी जीत हार को लेकर अधिकारियों बीच चर्चाएं हैं।

एटा-कासगंज सीट पर पर राजनैतिक गणितज्ञ और सट्टेबाजों की नजर में भाजपा एवं सपा के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। फूल और साइकिल के चुनाव चिन्ह के प्रत्याशियों के बीच द्विपक्षीय मुकाबला बताया जा रहा है। अन्य प्रत्याशी लड़ाई से बाहर बताए जा रहे हैं। जो भी हो लेकिन राजनैतिक गणितज्ञ जीत हार पर बाजी लगा रहे हैं। 

विभिन्न दलों के समर्थक अपने प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान की स्थिति पर आंकलन करते नजर आए हैं। विभिन्न क्षेत्रों के रिपोर्ट के आधार पर समर्थक अपने प्रत्याशी की हार जीत को लेकर शर्त और सट्टा लगा रहे हैं। सदर सीट के अलावा पटियाली, अमांपुर, एटा और मारहरा विधानसभा क्षेत्रों की सीट पर भी जमकर सट्टेबाजी हो रही है। हर कोई अपने अपने प्रत्याशी को जिताता नजर आ रहा है। 

कुछ समर्थक जातिगत आंकड़ों को आधार बनाकर अपने प्रत्याशियों की जीत पर मोटा दाब लगा रहे हैं। ऐसा नहीं कि प्रत्याशियों की जीत हार को लेकर सिर्फ आम चर्चा हो रही हो बल्कि पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी इस चर्चा करते नजर आ रहे हैं। मुकाबला किसके बीच है यह अभी तक चर्चाएं है। फैसला चार जून को जाएगा।

चर्चा करते रहे बुजुर्ग 
ग्रामीण क्षेत्र में बुजुर्ग भी चर्चा करते रहे। इसके अलावा तमाम ग्रामीण चुनावी चौपाल सजाते रहे और वे जीत हार की चर्चाएं एक दूसरे से कर रहे थे। हालांकि ग्रामीणों के बीच सट्टेबाजी नहीं की। वे तो सिर्फ अपना अपना गुणा गणित लगा रहे थे।

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