मडिगा समुदाय को ‘आरक्षण के अंदर आरक्षण’ का प्रधानमंत्री का वादा क्या केवल ‘जुमला’ है: कांग्रेस

मडिगा समुदाय को ‘आरक्षण के अंदर आरक्षण’ का प्रधानमंत्री का वादा क्या केवल ‘जुमला’ है: कांग्रेस

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तेलंगाना में चुनाव प्रचार के बीच कांग्रेस ने बुधवार को उनसे मडिगा जाति के लिए ‘आरक्षण के अंदर आरक्षण’ का वादा करने को लेकर पूछा कि क्या यह उनका एक और ‘जुमला’ साबित होगा। पार्टी ने पूछा कि इस वादे के बाद प्रधानमंत्री को जाति जनगणना पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह भी पूछा कि काजीपेट में वादा किया गया रेल कोच कारखाना कहां है और प्रधानमंत्री बयारम स्टील संयंत्र का वादा पूरा करने में विफल क्यों रहे। 

जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘तेलंगाना जाते समय प्रधानमंत्री से आज के प्रश्न : काजीपेट में रेल कोच कारखाना कहां है? प्रधानमंत्री बयारम स्टील संयंत्र और आईटीआईआर देने में क्यों विफल रहे? जनगणना या जाति जनगणना के बिना क्या प्रधानमंत्री का मडिगा समुदाय को ‘आरक्षण के अंदर आरक्षण’ का वादा सिर्फ एक जुमला है?’’

जयराम रमेश ने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने हाल में मडिगा समुदाय को ‘आरक्षण के अंदर आरक्षण’ की उनकी लंबे समय से लंबित मांग पर ‘‘जुबानी जमा खर्च’’ शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘सबसे अच्छा वादा जो वह (प्रधानमंत्री) कर सकते हैं वह यह है कि मांग पर गौर करने के लिए एक समिति गठित की जाएगी, 

लेकिन उनके द्वारा पहली बार इस बाबत प्रतिबद्धता जताए जाने के बाद से पांच महीने गुजरने पर भी कुछ सार्थक नहीं हुआ है। साथ ही, प्रधानमंत्री ने सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना का समर्थन करने से इनकार कर दिया है, जो वास्तव में मडिगा समुदाय की सामाजिक आर्थिक स्थिति के बारे में तथ्य सामने लाएगा।’’ कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि वास्तव में प्रधानमंत्री ने 2021 में होने वाली सामान्य दशकीय जनगणना कराने से भी इनकार किया है,

जिससे तेलंगाना में अनुसूचित जाति की आबादी के बारे में जानकारी मिल सकती थी। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के ‘न्याय पत्र’ (घोषणापत्र) में राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी जनगणना के लिए प्रतिबद्धता जताई गई है और तेलंगाना में कांग्रेस सरकार ने पहले ही राज्य स्तरीय जनगणना कराने की तैयारी शुरू कर दी है।

‘चुप्पी तोड़ो प्रधानमंत्री जी’ हैशटेग का इस्तेमाल करते हुए रमेश ने कहा, ‘‘क्या प्रधानमंत्री जाति जनगणना के प्रस्ताव पर अपना रुख स्पष्ट कर सकते हैं? वह इसके बिना मडिगा समुदाय के लिए ‘आरक्षण के अंदर आरक्षण’ को कैसे लागू करने की योजना बना रहे हैं।’’

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