आना था बहन के साथ, मिली मौत की खबर, घाघरा नदी में समाए तीन युवा: मातम में बदली श्रवण के घर में शादी की खुशियां
बहराइच/लखनऊ, अमृत विचार। बहन को विदा कराने गए श्रवण की मौत की खबर पर एकाएक परिजनों को विश्वास ही नहीं हुआ। फोन की घंटी बजी तो सबको लगा कि वे रास्ते में हैं और शायद इसी की जानकारी देने के लिए फोन किया होगा। लेकिन, फोन पर किसी और की आवाज सुनाई दी।खबर श्रवण की मौत की मिली तो शादी वाले घर में मातम छा गया।
श्रवण की बहन रजनी की शादी 25 अप्रैल को थी। गाजे-बाजे के साथ जरवलरोड के तपेसिपाह धोबिनपुरवा से धर्मेंद्र बारात लेकर आया था। दूसरे दिन रजनी की विदाई हो गई। घर पर अभी रिश्तेदारों की भीड़ थी। शादी के बाद की रस्म पूरी की जा रही थी। शादी के बाद रजनी की ससुराल चौथ पहुंचाने और उसकी विदाई कराने की रस्म की तारीख भी तय हो गई।
सोमवार को दिन रखा गया था। विदाई के लिए लखनऊ से गाड़ी लेकर रजनी का भाई श्रवण और उसके दो रिश्तेदार सचिन व अचिन धोबिनपुरवा पहुंचे। अचानक दोपहर तीन बजे श्रवण के घर का मोबाइल फोन बजा, तो लोगों को लगा कि रजनी की विदाई हो गई है। तीनों बच्चे बहन को लेकर रास्ते में है। पर, कॉल रिसीव होते ही दूसरी तरफ से तीनों के मौत खबर आई। इसके बाद पूरे घर में शादी की खुशियां मातम में बदल गई।
फाइबर पल्ले का काम करता था श्रवण
चाचा गुड्डु ने बताया कि श्रवण बहुत मेहनती लड़का था। पूरे घर को संभाल रखा था। फाइबर पल्ले काम करता था। वहीं सचिन और अचिन मकैनिक का काम करते थे। भाई होने के साथ-साथ तीनों की बहुत अच्छी दोस्ती थी। कहीं भी जाते थे, तो साथ जाते थे। किसी को नहीं पता था बहन को लेने जाएंगे तीनों वापस नहीं लौटेंगे। पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं जिसने में तीनों की मौत सुनी हर को परिवार का ढांढस बांधने के लिए घर पहुंच रहा था। तीनों को डूबता देख स्थानीय लोगों ने परिजनों को दी। तीनों के डूबने की सूचना पर पूरा गांव नदी के किनारे पहुंच गया था।
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