नैनीताल: पिछले साल के मुकाबले कुमाऊं में दोगुने जले जंगल

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Published By Bhupesh Kanaujia
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नैनीताल, अमृत विचार। कुमाऊं के जंगलों में लगी आग वन विभाग के लिए मुसीबत बनने लगी है। तेजी से जंगलों में फैल रही आग का दायरा लगातार बड़ा रहा है, जिससे हजारों हेक्टेयर वन संपदा जलकर अब तक खाक हो चुकी है। जंगलों की आग को बचाने के लिए एनडीआरएफ, वायु सेना को लगाया गया है, इसके बावजूद भी जंगलों की आग काम होने का नाम नहीं ले रही।

जानकार बताते हैं आने वाले समय में चीड़ के पेड़ से पीरुल गिरजा जिससे जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ेगीं। बीते सालों की अपेक्षा में इस साल जंगल तेजी से जल रहे हैं। एक नवंबर 2022 से 29 अप्रैल 2023 तक उत्तराखंड में 372 हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आया था। जबकि नवंबर 2023 से 29 अप्रैल 2024 तक 814 हेक्टेयर को पार कर चुका है। बीते वर्ष कुमाऊं में 160 मामलों सामने आए जिसमे 191 हेक्टेयर जंगल जला। जबकि इस वर्ष अब तक कुमाऊं मंडल में 363 मामलों सामने आए जिसमे 480 हेक्टेयर जंगल जला कर खाक हुआ। 

पिछले साल 29 अप्रैल तक उत्तराखंड में 372 हेक्टेयर जंगल जला जबकि इस बार अब तक वनाग्नि से 814 हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हुआ है। 

बीते वर्ष की अपेक्षा में जंगलों में आग लगने की घटना में बढ़ोतरी देखने को मिली है। वन विभाग के कर्मचारी और अधिकारी आग बुझाने के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं। जंगलों को सुरक्षित बचाने के लिए वन विभाग दमकल कर्मी, एनडीआरएफ की टीमों को लगाया गया है। बीते सप्ताह भर के बाद अब आग लगने की घटनाओं में कमी देखने को मिली है। 
-टीआर बीजू लाल, वन संरक्षक उत्तरी वृत्त। 

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