नर्क से बदतर है ये अवैध मानसिक अस्पताल, इलाज के नाम पर डॉक्टर दबाते थे गला-मरीज की मौत पर हुआ खुलासा   

नर्क से बदतर है ये अवैध मानसिक अस्पताल, इलाज के नाम पर डॉक्टर दबाते थे गला-मरीज की मौत पर हुआ खुलासा   

लखनऊ/गाजीपुर, अमृत विचार। डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है और इसके सैकड़ों उदहारण मौजूद हैं। लेकिन यूपी के गाजीपुर जिले में एक ऐसे अवैध मानसिक अस्पताल का खुलासा हुआ है जहाँ अपनी हरकतों से डॉक्टर हैवानों से भी कई कदम आगे निकल गए। जिले के जमानिया तहसील अंतर्गत गांव मदनपुरा में मानसिक इलाज के नाम पर अवैध अस्पताल खोल रखा था। विजय नारायण पाठक और उसके पुत्र सुनील पाठक अस्पताल का संचालन करते हैं। इस अस्पताल को एक एनजीओ के माध्यम से संचालित किया जा रहा था। अस्पताल में मरीजों के साथ होने वाली हैवानियत का खुलासा तब हुआ जब बिहार के एक मरीज की 2 दिन पहले यहां इलाज के दौरान मौत हो गई।  

परिजनों की शिकायत पर अस्पताल पहुंची पुलिस और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉक्टर रवि रंजन को यहाँ 6 मरीज जंजीरों से बंधे मिले। जिन्होंने बताया कि वो ठीक हैं फिर भी उन्हें जंजीरों से बांधा गया है। इतना ही नहीं इलाज के नाम पर उन्हें पीटा जाता है और गला तक दबाया जाता है। जांच में यहाँ गैस कि दवाएं और कुछ गोलियां मिली हैं। गाँव में चलने वाले इस अस्पताल कि असलियत सामने आने पर पूरा इलाका आश्चर्य कर रहा है। सीएचसी प्रभारी डॉक्टर रवि रंजन ने बताया कि इलाज के नाम पर मरीजों से मोटी रकम वसूली जाती थी। 

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