सुलतानपुर: भगवान चित्रगुप्त महराज का मनाया गया प्राकट्योत्सव
सुलतानपुर, अमृत विचार। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की ओर से मंगलवार देर रात भगवान चित्रगुप्त महराज का प्राकट्योत्सव मनाया गया। इसमें नगर के सम्भ्रांत चित्रांश बंधुओं ने हिस्सा लिया। वरिष्ठ चित्रांश अनिल श्रीवास्तव व गिरिजा श्रीवास्तव ने बताया कि पौराणिक ग्रंथों में चित्रगुप्त भगवान के प्राकट्योत्सव की तिथि का उल्लेख है।
जिला अध्यक्ष अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि चैत्र मास का सही नाम चित्र मास है जो भगवान चित्रगुप्त के प्राकट्य से संबंधित है। जिसे बिगड़े हुए उच्चारण में अब चैत्र मास कहा जाता है। अनेकों ग्रंथों में इस बात का उल्लेख है कि चैत्र पूर्णिमा को भगवान चित्रगुप्त का विधिवत पूजन करने से जीवन भर किए हुए पापों का नाश हो जाता है। कहा कि ब्रह्मा जी द्वारा 12 वर्षों की कठोर तपस्या के बाद उनकी काया से भगवान चित्रगुप्त जी प्रकट हुए थे। कायस्थ जनों ने हाथों में पुष्प लेकर भगवान चित्रगुप्त की स्तुति और मंत्र जाप किया।
प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम अगले वर्ष तक के लिए स्थगित किया गया। सभा में नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के वरिष्ठ पदाधिकारी अनिल श्रीवास्तव, महासभा के जिला महामंत्री वीरेंद्र श्रीवास्तव, कलेक्ट्रेट इंप्लाइज यूनियन गिरिजा श्रीवास्तव, दीनबंधु श्रीवास्तव, रवींद्र श्रीवास्तव, रवि श्रीवास्तव, अशोक श्रीवास्तव, राजकुमार श्रीवास्तव, अनुज श्रीवास्तव, अरविंद श्रीवास्तव, सुनील श्रीवास्तव आदि रहे।
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