न्यू कानपुर सिटी को धरातल पर उतारने में आ रहे ‘चक्कर', गांव-गांव भटक रहे अधिकारी, कैंप लगाने पर भी नहीं पहुंच रहे किसान
कानपुर, अमृत विचार। केडीए की न्यू कानपुर सिटी योजना के लिये बची भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया मुश्किल हो गई है। किसानों की बेरुखी से केडीए अधिकारियों को पसीने छूट रहे हैं। प्रस्तावित भूमि को खरीदने के लिये अधिकारी भरी दोपहरी में गांव-गांव भटक रहे हैं।
लेकिन, काश्तकार जमीने बेचने को तैयार नहीं हो रहे हैं। प्राइवेट बिल्डरों की सेंधमारी की वजह से योजना को धरातल पर उतारने में अधिकारियों को चक्कर आने लगे हैं। केडीए योजना को शुरू करने के लिये मोतीझील और प्रस्तावित गांव में कैंप लगा रहा है। लेकिन, कुछ खास सफलता नहीं मिल रही है।
केडीए ने 28 साल पहले मैनावती मार्ग और कल्याणपुर-बिठूर मार्ग के आसपास न्यू कानपुर सिटी योजना विकसित करने की योजना बनाई थी। 153 हेक्टेयर में योजना विकसित करने और जमीन खरीदने के लिए केडीए बोर्ड ने डेढ़ सौ करोड़ रुपये स्वीकृत किए। इतनी ही धनराशि शासन ने कानपुर विकास प्राधिकरण को आवंटित की।
अभी 54 हेक्टेयर जमीन केडीए की है, शेष जमीन काश्तकारों से खरीदी जा रही है। 25 काश्तकारों से 54 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी जा चुकी है। उन्हें डीएम सर्किल रेट से चार गुना ज्यादा मुआवजा दिया जा रहा है। केडीए वीसी मदन सिंह गर्ब्याल ने बताया की 153.3182 हेक्टेयर भूमि पर न्यू कानपुर सिटी योजना विकसित की जा रही है। न्यू कानपुर सिटी योजना में केडीए द्वारा अर्जित भूमि 55.3270 हेक्टेयर भूमि है।
योजना में ग्राम सभा की कानपुर विकास प्राधिकरण प्रबंधन की भूमि 0.570 हेक्टेयर और ग्राम सभा की पुर्नग्रहण के लिये 7.936 हेक्टेयर भूमि है। केडीए वीसी ने बताया कि योजना में निजी काश्तकारों की अब तक क्रय की जा चुकी भूमि 14.267 हेक्टेयर भूमि है। शेष 75.2182 हेक्टेयर भूमि के सम्बन्ध में खरीदने या अधिग्रहण करने की तैयारी की जा रही है।
छुट्टी वाले दिन भी लगाया कैंप
रविवार को छुट्टी वाले दिन केडीए अधिकारियों ने एक बार फिर काश्तकारों के पास पहुंचकर प्राधिकरण को भूमि विक्रय किये जाने के लिये प्रोत्साहित किया। योजना के तहत सिंहपुर कछार, गंगपुर चकबदा, हिन्दूपुर व सम्भरपुर ग्रामों से संबंधित भू-स्वामियों से वार्ता की और उनको योजना के फायदे गिनाए। केडीए वीसी के निर्देश पर विशेष कार्याधिकारी भूमि बैंक (जोन-1) डॉ. रवि प्रताप सिंह द्वारा नायब तहसीलदार व अमीनों के साथ मौके पर पहुंचे।
इस दौरान उन्होंने भू-स्वामियों को कानपुर विकास प्राधिकरण, कानपुर में प्रतिदिन आयोजित कैम्प के बारे में भी जानकारी दी और कहा कि अधिक से अधिक काश्तकार सहमति के आधार पर भूमि विक्रय के लिये अपनी सहमति प्रदान करें ताकि जल्द योजना की बाधाओं को दूर किया जा सके। इस दौरान काश्तकारों ने कई तरह से सवाल भी टीम से पूछे।
बिल्डर अधिक कीमत पर खरीदना चाहते भूमि
सिटी जिस जगह प्रस्तावित है उसके पास कई बिल्डरों ने भूमि खरीद रखी है। ऐसे में जिन किसानों की भूमि न्यू कानपुर सिटी के लिए अधिसूचित हुई है उन्हें केडीए को भूमि न देने के लिए कई बिल्डर उकसा रहे हैं। केडीए द्वारा प्रस्तावित मुआवजा से अधिक राशि देकर भूमि खरीदने का लालच दे रहे हैं। इससे किसान भी खुश हैं और केडीए के कैंप में जाने से कतरा रहे हैं। उन्हें भी पता है कि जब तक 80 फीसद भूमि का अधिग्रहण नहीं हो जाएगा केडीए उनकी भूमि जबरदस्ती नहीं ले सकता है।