हल्द्वानी: देश के वीरों ने देश के लिए किया शत प्रतिशत मतदान
सर्वेश तिवारी, हल्द्वानी, अमृत विचार। सीमा पर देश के लिए जान देने को तैयार रहने वाले सैनिक जब सेवानिवृत्त होकर घर आए तो भी उनके जज्बे में कमी नहीं आई। वह बूढ़े भले ही हो चुके हैं, लोकतंत्र के पर्व में उन्होंने अपनी शत-प्रतिशत भागीदारी निभाई। नैनीताल जिले में मौजूद 13,468 पूर्व सैनिक मतदाताओं में से सभी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस पर्व में वीरांगनाओं ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
नैनताल जिले में थल सेना के 12,712, वायु सेना के 346 और नौ सेना के 392 पूर्व सैनिक हैं। सहायक जिला सैनिक कल्याण अधिकारी पुष्कर सिंह भंडारी का कहना है कि सभी पूर्व सैनिकों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसके साथ ही जिले में मौजूद 70 वीर नारियों ने करीब 46 ने वोट डाला। जबकि विभिन्न जंगों के दौरान घायल (दिव्यांग) हुए 44 पूर्व सैनिकों में से 36 लोगों ने मतदान किया। ऐसा माना जाता है कि पूर्व सैनिकों में से अधिकांश का मत एकतरफा पड़ता है। ऐसे में पूर्व सैनिकों और वीरनारियों के कुल 17,289 बेहद अहम हैं। राज्य में 34,641 पूर्व सैनिक व वीर नारिया देहरादून में देहरादून में हैं।
राज्य में पूर्व सैनिकों की जिलेवार संख्या
जिला सैनिक संख्या
अल्मोड़ा 9609
बागेश्वर 7832
चमोली 11087
चम्पावत 3688
देहरादून 29241
हरिद्वार 5405
लैंसडौन 15070
पौड़ी 6959
नैनीताल 13468
पिथौरागढ़ 18136
रुद्रप्रयाग 3618
टिहरी 5133
ऊधमसिंहनगर 8760
उत्तरकाशी 1151
कुल 139157
शहीदों/पूर्व सैनिकों की वीरांगनाएं
जिला स्व.सैनिकों की पत्नियां
अल्मोड़ा 4810
बागेश्वर 3740
चमोली 4821
चम्पावत 1355
देहरादून 5400
हरिद्वार 1030
लैंसडौन 5580
पौड़ी 3045
नैनीताल 3821
पिथौरागढ़ 8534
रुद्रप्रयाग 1726
टिहरी 2083
ऊधमसिंहनगर 2701
उत्तरकाशी 278
कुल 48924
पूर्व सैनिकों के लिए अहम रहे ये मुद्दे
पूर्व सैनिकों ने बताया कि उनके लिए सेवानिवृत्ति के बाद रोजगार और वन रैंक वन पेंशन एक बड़ा मुद्दा है। वहीं वीरांगनाओं ने अपने बच्चों के बेहतर भविष्य और आश्रितों को रोजगार की बात कही। इसके साथ ही राष्ट्र के आर्थिक, सामाजिक विकास को भी ध्यान में रखा।