Exclusive: युद्ध से टूटा युवाओं के इजरायल जाने का सपना; सरकार की एडवाइजरी के बाद फ्लाइटें निरस्त, बुलावे का इंतजार
फर्रुखाबाद, चन्द्रपाल सिंह सेंगर। हमास से युद्ध के दौरान हुए इमारतों के नुकसान की भरपाई और मरम्मत के लिए भारत सरकार की ओर से लगभग चार माह पूर्व यहां से स्किल्ड कारीगरों को इजरायल भेजने की योजना बनी थी। जनपद से भी लगभग एक दर्जन राज मिस्त्रियों का चयन हुआ था। इनमें से पांच ने 66-66 हजार रुपये भी जमा कर दिए हैं।
अब इजरायल पर ईरानी हमले के बाद केंद्र सरकार ने भारतीय नागरिकों को इजरायल न जाने की एडवाइजरी जारी कर दी है। फ्लाइट भी कैंसिल हो गई हैं। इन हालात में पांच प्रतिशत मासिक ब्याज पर जमीन गिरवीं रखकर रुपया जमा करने वाले कारीगरों के इजरायल जा पाने का सपना तो अब खटाई में पड़ ही गया लगता है, ब्याज अलग से चढ़ रहा है।
मजदूरी कर हर महीने महज 10-15 हजार कमा पाने वाले माेहित कुमार बताते हैं कि पता चला कि इजरायल में नौकरी के लिए टेस्ट हो रहे हैं। वहां हर माह 1.35 लाख रुपये वेतन मिलेगा। टेस्ट पास करने के लिए उन्होंने जमीन गिरवी रख दी। पांच प्रतिशत मासिक ब्याज पर लगभग 68 हजार रुपये छह माह के एग्रीमेंट पर किसी से लिए है। लगभग तीन हजार रुपये महीना ब्याज दे रहे हैं।
समय से रुपये वापस न किए तो उनकी जमीन भी चली जाएगी। उनके ताऊ के बेटे शिवकांत ने भी पंजीकरण कराया था। उनको पहले 15 अप्रैल को जाने का संदेश मिला था, लेकिन दो दिन पूर्व ही मना कर दिया गया। पंजीकरण, चरित्र प्रमाणपत्र, मेडिकल सर्टिफिकेट, पुलिस सत्यापन आदि में ही तीन-चार हजार खर्च हो गए।
फ्लाइट के टिकट और बिचौलिया संस्था एनएसडीसी की फीस सहित 66,800 रुपये जमा कर चुके हैं। अब यह चिंता सता रही है कि ब्याज पर ली रकम कैसे वापस करेंगे। यही हाल पवन कुमार, अनिल कुमार व दीपक का भी है।
सहायक श्रम आयुक्त देवेश सिंह का कहना है कि ‘जनपद से 63 कारीगरों के नाम भेजे गए थे। इनमें से 11 लोग शार्टलिस्ट हुए। कुल सात लोग टेस्ट में पास हुए।
इनमें से एक ने किसी कारणवश जाने से मना कर दिया व दूसरे का पुलिस सत्यापन नहीं हो पाया। कुल पांच लोगों ने लखनऊ में पैसा जमा कर दिया। एक का टिकट भी आ गया था। लेकिन अब युद्ध की स्थिति बनने के चलते फिलहाल फ्लाइट कैंसिल हो गई हैं। शेष चार के मामले में कार्रवाई चल रही है। किराये आदि के 65,000 रुपये के अलावा एनएसडीसी संस्था का चार्ज लिया गया है।’