रामोत्सव: लिहले जनम रघुराइया हो रामा, लिहले जनम...
सोहर, बधाई,चैती से सजा तुलसी मंच, राम जनम के स्वर गूंजे
अयोध्या, अमृत विचार। तुलसी मंच पर संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित रामोत्सव में लोक भजनों, लोकगीतों और लोक नृत्यों के माध्यम से भगवान राम का जन्मोत्सव पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। देश के प्रख्यात कलाकारों ने अपनी कला के माध्यम से जन्मोत्सव को अविस्मरणीय बना दिया।
अयोध्या के अवधी लोकगीत गायक रविंद्र पांडेय और उनके साथियों ने सबसे पहले भगवती सरयू की आराधना करते हुए भजन प्रस्तुत किया हे सरयू मैया, हे सरयू मैया, इसके बाद राम रस बरसे, आज मोरे अंगना, गाकर जन्मोत्सव के उल्लास को व्यक्त किया। कलाकारों ने प्रस्तुत किया राम जी के सुंदर नगरिया हो तो सभी अभिभूत हो गए।कलाकारों ने चैती प्रस्तुत की, रामनवमी के दिनवा, लिहले राम जनमवा हो और अंत में भगवान से प्रार्थना की, कब लेहो, हमारी खबरिया हो राम,तो सभी मगन हो गए की प्रस्तुति दी। सहगायक के रूप में राजन और विशाल जबकि आर्गन पर अमित, पैड पर रामकुमार, तबले पर कान्हा और ढोलक पर कन्हैया ने संगत किया। सत्यांशु पटेल और उनके दल ने राम रघुरइया आए हैं अवध में, भजन गाकर किया तो दर्शकों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया।
जन्मोत्सव के रंग में रंगी अयोध्या के वैभव को, अयोध्या घूम रहा है, सब नगर वासी, गाकर उन्होंने श्रद्धालुओं की भक्ति का चित्रण किया। कलाकारों ने माई के अंचरवा जैसे पारंपरिक लोकगीतों को प्रस्तुत करके सभी को माटी के सुगंध से परिचित कराया। संचालन आकाशवाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्रा किया।