गोंडा: नहीं रहे मनकापुर राजघराने के कुंवर विक्रम सिंह, हृदयाघात से हुई मौत

गोंडा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह के चचेरे भाई थे विक्रम सिंह

गोंडा: नहीं रहे मनकापुर राजघराने के कुंवर विक्रम सिंह, हृदयाघात से हुई मौत

गोंडा। रविवार को मनकापुर राजघराने के कुंवर विक्रम सिंह (45)की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। मौत की सूचना से मनकापुर कस्बा सहित इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। नगर क्षेत्र के तमाम प्रतिष्ठित व्यवसाईयों ने अपनी दुकानें बंद कर दी।

मनकापुर राजघराने व भाजपा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह के चचेरे भाई पूर्व चेयरमैन मनकापुर व गौरा विधानसभा से प्रत्याशी रहे कुंवर विक्रम सिंह की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। रविवार सुबह जब देर तक पूर्व अध्यक्ष सो कर मनकापुर मंगल भवन स्थित अपने कमरे से बाहर नहीं निकले तब लोगों ने उनको जगाने के लिए भैया भैया कहकर आवाज लगाई। कमरे के अंदर से जवाब न मिलने के कारण लोगों को उनके तबियत खराब होने की आशंका हुई।

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इसके बाद कमरे का दरवाजा तोड़कर उन्हें देखा गया, तो लोग आवक रह गए। आनन फानन में विक्रम सिंह को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनकापुर ले गए। जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया जाता है कि हृदय गति रुकने से उनकी मौत हुई है। पूर्व कृषि मंत्री राजा आनंद सिंह व कुंवर विक्रम सिंह के पिता डॉ विनय सिंह चचेरे भाई थे, इस प्रकार से वर्तमान सांसद कीर्तिवर्धन सिंह और कुंवर विक्रम सिंह भाई भाई का संबंध था।

निर्विरोध नगर अध्यक्ष बने थे कुंवर

कुंवर विक्रम सिंह वर्ष 2012 से वर्ष 2017 तक मनकापुर नगर पंचायत अध्यक्ष के पद पर आसीन रहे। कार्यकाल समाप्त होने के बाद से उन्होंने मनकापुर नगर अध्यक्ष पद के लिए चुनावी मैदान में उतरना उचित नहीं समझा। इसके बाद वह गौरा विधानसभा क्षेत्र से 2019 में निर्दलीय प्रत्याशी रहे। लेकिन इस दौरान उन्हें सफलता नहीं मिली। लोगों की मानें तो कुंवर विक्रम सिंह आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर गौरा विधानसभा क्षेत्र से एक बार फिर तैयारी कर रहे थे।

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शोक में डूबा मनकापुर

मनकापुर राजघराने के कुंवर विक्रम सिंह की मौत से कस्बे के कई प्रतिष्ठित व्यवसाइयों ने शोक में दुकान बंद कर दी। वहीं मनकापुर शास्त्री नगर की लगभग सभी दुकानें शोक में बंद कर दी गई। कुंवर विक्रम सिंह अपने पिता डा विनय सिंह के अकेले संतान थे। उनके पिता डा विनय सिंह तीन भाई थे। अतुल सिंह व मझिले भइया के नाम से जाने जाते हैं। तीन भाइयों में इकलौते वारिस थे।

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