लखनऊ: मेदांता अस्पताल प्रशासन ने मंत्री ओपी राजभर के आरोपों को नकारा, इलाज के नाम पर वसूले थे चार लाख रूपये

 लखनऊ: मेदांता अस्पताल प्रशासन ने मंत्री ओपी राजभर के आरोपों को नकारा, इलाज के नाम पर वसूले थे चार लाख रूपये

लखनऊ, अमृत विचार। राजधानी स्थित मेदांता अस्पताल प्रशासन ने उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के आरोपों को नकार दिया है। प्रेस विज्ञप्ति जारी कर ओपी राजभर की माता के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की और इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही से साफ इंकार कर दिया है।

दरअसल, गुरुवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में इलाज के दौरान मंत्री ओपी राजभर की मां का निधन हो गया था। इससे पहले उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने मेदांता अस्पताल पर चार लाख रुपए लेने और मां के इलाज में लापरवाही करने का गंभीर आरोप लगाया था। मंत्री ने यहां तक कहा था कि उनकी मां बात करते हुये मेंदाता अस्पताल गईं थी, लेकिन वहां चले इलाज के बाद उनकी हालत सुधरने की बजाया बिगड़ती चली गई। वहीं प्रदेश सरकार के मंत्री के आरोपों के बाद मेदांता अस्पताल पर सवाल उठना लाजमी था। हुआ भी यही सोशल मीडिया पर लोगों ने मेदांता अस्पताल और वहां की व्यवस्था को लेकर आरोपों की झड़ी लगा दी।

जिसके बाद  मेदांता हॉस्पिटल को प्रेस रिलीज जारी करनी पड़ी। जिसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर  की माता के निधन पर अस्पताल अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता है। साथ ही यह भी कहा है कि इलाज को लेकर उठे सवालों के विषय में हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि मंत्री की 79 वर्षीया मां को 8 मार्च 2024 को रात 9:50 बजे अनियंत्रित मधुमेह, सांस लेने में तकलीफ, कम ऑक्सीजन, बुखार, भूख न लगना, उच्च रक्तचाप और दोनों फेफड़ों में निमोनिया जैसी समस्याओं और गंभीर लक्षणों के साथ हमारे आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया था। उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें तुरंत आईसीयू में भर्ती कराया गया।

मेदांता अस्पताल के पल्मोनरी विशेषज्ञों ने अपनी टीम के साथ तुरंत 24 घंटों के अंदर ही इलाज शुरू कर दिया। इलाज के साथ परिवार से रोज़ बात की जाती थी और परिवार के सदस्यों को इलाज के बारे में बताया जाता था। बाद में परिवार ने उन्हें, दूसरे अस्पताल में ले जाने की बात कही और उन्हे डिस्चार्ज करने को कहा। हमने परिवार के सदस्यों के अनुरोध पर मरीज को आठवें दिन 15 मार्च को शाम 7:40 बजे डिस्चार्ज कर दिया ताकि उनका इलाज परिवार की इच्छा के मुताबिक उचित जगह हो सके। इसके बाद मेदांता अस्पताल प्रशासन ने साफ कहा है कि लापरवाही या गलत इलाज के किसी भी आरोप को दृढ़ता से हम नकारते हैं। 

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