अयोध्या: फायर सर्विस के पास नहीं है पानी भरने के अपने संसाधन, निजी नलकूप और टुल्लू बने सहारा 

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Published By Anjali Singh
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अयोध्या, अमृत विचार। रौनाही थाने के एक कमरे में स्थापित फायर सर्विस की सोहावल इकाई बेबस है। इसे आग के तांडव पर काबू पाने के लिए सोचना पड़ता है। छोटे और बड़े दो वाहनों से आग पर काबू करने के लिए शासन से संसाधन मुहैया है, लेकिन बड़े वाहन का टैंक तक भरने की व्यवस्था विभाग के पास अपनी नहीं है। इसके लिए कर्मियों को आस पास लगे डीजल इंजन चालित निजी नलकूपों का सहारा लेना पड़ता है जो 150 रुपये किराया लेकर फायर सेवा के कर्मियो को टैंक भरने के लिए पानी देते है। 

अस्थाई केंद्र से चारों ओर लगभग 10 किमी की परिधि में सेवा देने वाले इस फायर सर्विस केंद्र की स्थापना हुए दशक भर बीतने को है। इलाकाई जन प्रतिनिधियों और शासन  की उपेक्षा के चलते विभाग इस केंद्र को अब तक अपना स्थाई कार्यालय तक नहीं दे पाया है। आधा दर्जन फायर मैन एक इन्चार्च सुपर वाइजर, एक चालक कुल 8 कर्मियो के भरोसे 70 से ज्यादा राजस्व गांवों की सुरक्षा का जिम्मा है।

गांव के बीच सिकुड़ती गई गलियों में बड़ी गाड़ी पहुंच ही नही पाती छोटी गाड़ी किसी तरह पहुंच भी गई तो कुआं तालाब सूखने से पानी खोजने में घंटों लग जाते है और तब तक सब कुछ जल चुका होता है। खेत खलिहानों की आग बुझाने में बड़ी गाड़ी ले जायी जाती है जिसका पेट भर कर तैयार रखने की कोई व्यवस्था ही नही है।

"बड़ी गाड़ी का टैंक भरने की समस्या वर्षो से है। कई बार विभाग को अवगत कराया गया लेकिन कुछ हल नही निकला। चालक भी एक ही है स्टाफ और संसाधन कम है। समस्याओं से जूझते हुए आग पर काबू करने की हर संभव कोशिश की जाती है।"

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