राममंदिर अयोध्या: हैलो सर, वीआईपी दर्शन के लिए आ रहे हैं, व्यवस्था करा दीजिए

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Published By Jagat Mishra
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वीआईपी दर्शन ने बढ़ाई प्रशासन की मुश्किल, लगानी पड़ी 12 की टीम 

राजेंद्र कुमार पांडेय/ अयोध्या, अमृत विचार। हैलो सर, विभाग के वीआईपी राम लला के दर्शन के लिए आ रहे हैं। व्यवस्था करा दीजिए। गाड़ी का नंबर भेजिए। फोन घनघनाते हैं। व्हाटस एप मैसेज गिरते हैं। मेला और चुनाव के दौर में वीआईपी दर्शन ने प्रशासन की मुश्किल बढ़ा दी। संख्या इतनी बढ़ गई कि प्रशासन को इसके लिए अब अलग से कर्मचारियों की टीम लगानी पड़ी।

22 जनवरी को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। फिर राम दर्शन यात्रा शुरू हुई। ट्रेनों से विभिन्न प्रातों के लोग दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचे। बसों से श्रद्धालुओं की आमद हुई। फिर देश के विभिन्न प्रांतों की सरकारों के आने का दौर शुरू हुआ। भाजपा शासित लगभग सभी प्रदेशों की सरकारें राम लला के दरबार में मत्था टेक चुकी हैं। चुनाव आचार संहिता लागू हुई तो आस्था स्पेशल ट्रेनों और सरकारों के आने का दौर थमा। प्रशासन ने सोचा कि अब शायद कुछ राहत मिले लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वीआईपी दर्शन की व्यवस्था का दबाव और बढ़ गया। जब तक स्पेशल ट्रेन और सरकारों के आने का दौर था। केंद्र और प्रदेश की सरकारों के वीआईपी इंतजार कर रहे थे। अधिसूचना जारी हुई तो विभिन्न प्रदेशों के राज्यपाल की आमद शुरू हुई। अब तक लगभग दर्जन भर प्रदेशों के राज्यपाल रामलला के सामने मत्था टेक चुके हैं। अब केंद्र और प्रदेशों के अफसरों के साथ सरकारी वीआईपी मुलाजिमों की आमद तेज हो गई। सूत्रों की मानें तो प्रतिदिन केंद्र और प्रदेशों के विभिन्न विभागों से आने वाले वीआईपी की संख्या लगभग साढ़े चार से पांच हजार हो गई। लगातार वीआईपी दर्शन ने प्रशासन की मुश्किल बढ़ा दी है। चैत्र राम नवमी मेले के साथ चुनाव चल रहा है। ऐसे में मुश्किल और बढ़ गई।

औसतन साढ़े चार हजार वीआईपी दर्शन
रोज औसतन साढ़े चार से पांच हजार लोगों के वीआईपी दर्शन की व्यवस्था की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि वीआईपी जत्थों में पहुंच रहे हैं। दूसरे वीआईपी को छोड़ विभागों के वीआईपी की कई-कई टीम पहुंच रही है। एक टीम में इनकी संख्या 40 से 50 और उससे ज्यादा भी होती है। 

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क्या है वीआईपी दर्शन की व्यवस्था
राज्यपाल के साथ तो प्रशासनिक अमला दर्शन कराता है। बड़े अफसरों के साथ भी दर्शन के लिए प्रशासन के अफसर की तैनाती की जाती है। उससे छोटे वीआईपी के लिए भी संबंधित विभाग का कोई कर्मचारी लगाया जाता है। प्रभारी प्रोटोकाल अफसर सिटी मजिस्ट्रेट के यहां से या फिर पुलिस सेल से वीआईपी वाहन का नंबर मैसेज किया जाता है। इसके बाद उस वाहन को रंगमहल गेट सहित मंदिर के अन्य मार्ग तक जाने दिया जाता है। अन्यथा की स्थिति में दो किमी पैदल चलना पड़ता है।

अब व्यवस्था में लगाई 12 कर्मचारियों की टीम
वीआईपी की भीड़ बढ़ी तो फोन, व्हाटसप पर आने वाली सूचना और दर्शन की व्यवस्था के लिए प्रभारी प्रोटोकाल अफसर के कार्यालय में 12 प्रमुख विभाग के कर्मचारियों को संबद्ध किया गया। इनमें वन, चिकित्सा, पावर कारपोरेशन, सीवीओ, डीडीओ, समाज कल्याण, सिंचाई, नलकूप, लोक निर्माण सहित अन्य विभाग है। यह सिटी मजिस्ट्रेट के निर्देशन में वीआईपी दर्शन की व्यवस्था कराते हैं। मुश्किल कम करने के लिए विभाग के लोग और व्यवस्था की बात अफसरों से कह रहे है।  

वर्जन-
-रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद दर्शन पूजन के लिए विशिष्टजनों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसे सकुशल संपन्न कराने के लिए 12 विभाग के कर्मचारियों को लगाया गया है।
-रमेश कुमार मिश्र, सिटी मजिस्ट्रेट/प्रभारी प्रोटकाल-अयोध्या

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