"विशेष कानून" के तहत किए गए अपराध समझौते के आधार पर रद्द करना उचित नहीं :हाई कोर्ट
प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पॉक्सो अधिनियम के तहत आरोपी की जमानत याचिका पर विचार करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और पॉक्सो जैसे "विशेष कानून" के अंतर्गत किए गए अपराधों को केवल पीड़ित और अपराधी के बीच समझौते के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता है।
कोर्ट ने आगे कहा कि जहां आरोपी दुष्कर्म जैसे अपराध के लिए मुकदमे का सामना कर रहा है, वहां समझौते का प्रयास उसके लिए किसी भी तरह मददगार साबित नहीं हो सकता है। दुष्कर्म जैसे अपराध किसी महिला के सम्मान के खिलाफ अपराध है और कानून किसी महिला के सम्मान को समझौते की वस्तु नहीं मानता है। ऐसी स्थिति में आरोपी के खिलाफ गठित अपराध शमनीय नहीं है। उक्त टिप्पणी न्यायमूर्ति समित गोपाल की एकलपीठ ने आईपीसी और पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज करते हुए की।
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