बदायूं: अधर में लटका मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य, डीएम को लिखा पत्र
राजकीय मेडिकल कॉलेज में जनवरी में शुरू किया गया था कार्य
बदायूं, अमृत विचार। राजकीय मेडिकल कॉलेज की मान्यता पर जो खतरा मंडराया तो खलबली मच गई। राजकीय मेडिकल कॉलेज के साथ कई दौर की बात होने के बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। कुछ दिन कार्य चलने के बाद फिर बंद कर दिया गया जिसके बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने जिला अधिकारी को पत्र लिख कर स्थिति से अवगत कराया है। साथ ही यूपी निर्माण निगम को भी पत्र लिखा गया है।
कासगंज रोड स्थित ग्राम नौशेरा पर बने राजकीय मेडिकल कॉलेज में कई बिल्डिंगें अधूरी हैं। कुछ बिल्डिंगों में काम पूरा कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज का निर्माण उत्तर प्रदेश निर्माण निगम ने किया था। यूपी निर्माण निगम ने 60 प्रतिशत कार्य करने के बाद काम बंद कर दिया। उसके बाद सपा शासन काल में राजकीय मेडिकल कॉलेज को शुरू करा दिया गया। अब जब राजकीय मेडिकल कॉलेज का निर्माण आधा अधूरा होने के कारण मेडिकल कॉलेज की मान्यता पर खतरा मंडराने लगा तो मेडिकल कॉलेज प्रशासन में खलबली मच गई।
प्राचार्य डॉ. एनसी प्रजापति ने यूपी निर्माण निगम को कुछ निर्माण और पूरा करने को पत्र लिखा। प्राचार्य के लिखे पत्र में कहा गया कि राजकीय मेडिकल कॉलेज की मान्यता के लिए 80 प्रतिशत निर्माण पूरा होना जरूरी है। जबकि यहां पर 60 प्रतिशत निर्माण ही हो सका है। शासन स्तर से निर्माण पूरा कराने को निर्देशित किया जा रहा है। इस पर यूपी निर्माण निगम ने कोई जवाब नहीं दिया।
पिछले साल नवम्बर में प्राचार्य डा. एनसी प्रजापति ने जिला अधिकारी मनोज कुमार को स्थिति से अवगत कराया और निर्माण जल्द पूरा कराने की मांग की, जिस पर जिलाधिकारी ने यूपी निर्माण निगम को फटकार लगाते हुए जल्द ही निर्माण शुरू करने को आदेशित किया। डीएम की फटकार के बाद यूपी निर्माण निगम के अधिकारियों ने मेडिकल प्रशासन के साथ बैठक कर जल्द निर्माण शुरू कराने की बात कही। जिसके बाद जनवरी में यूपी निर्माण निगम ने कुछ कार्य भी किया। यहां पर चार खंडों में कार्य पूरा होना था। जिसके बाद मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य 80 प्रतिशत पूरा हो जाता और मान्यता पर आया संकट टल जाता है। लेकिन निर्माण कार्य करीब पन्द्रह दिन तक चलने के बाद बंद कर दिया गया। जिससे स्थिति जस की तस बनी हुयी है।
अब जिला अधिकारी को पत्र लिखा गया है। और निर्माण कार्य जल्द कराने की मांग की है। यूपी निर्माण निगम को भी पत्र लिखा गया है। फिर भी यूपी निर्माण निगम ने कोई जवाब नहीं दिया है। शासन स्तर से फिर निर्माण के बारे में जानकारी की गयी है। अब निर्माण कार्य अधूरा है क्या जवाब दिया जाए। यूपी निर्माण निगम का कार्यालय बरेली में है। निगम के अधिकारी फोन पर कोई बात नहीं करते हैं इसलिए पत्राचार करना पड़ रहा है-डा. एन सी प्रजापति - प्राचार्य।
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