Mukhtar Ansari Death: मुख्तार की मौत पर मानवाधिकार आयोग में केस दर्ज...जांच के लिए दोनों कमेटियां सक्रिय

बांदा में मुख्तार की मौत पर मानवाधिकार आयोग में केस दर्ज

Mukhtar Ansari Death: मुख्तार की मौत पर मानवाधिकार आयोग में केस दर्ज...जांच के लिए दोनों कमेटियां सक्रिय

बांदा, अमृत विचार। माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के मामले पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहां एक ओर सीजेएम के आदेश पर न्यायिक और जिलाधिकारी के निर्देश पर मामले की मजिस्ट्रेटीयल जांच की जा रही है। वहीं इस मामले पर सेवानिवृत्त आईपीएस और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर की पहल पर मानवाधिकार आयोग में भी केस दर्ज हो गया है। हालांकि मानवाधिकार आयोग के समक्ष जेल अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। 

मंडल कारागार में निरुद्ध पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की 28 मार्च की रात हार्ट अटैक से मौत हो गई। मौत के बाद जहां प्रशासनिक अमला सकते में आ गया, वहीं समाजसेवी संगठनों से लेकर राजनीतिक दलों तक ने माफिया की मौत पर संदेह जताते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी।

उधर, मुख्तार के परिजनों ने भी जेल प्रशासन पर हत्या का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया था। इसके पहले मुख्तार ने बाराबंकी की अदालत में वकील के जरिए प्रार्थनापत्र देकर जेल प्रशासन पर भोजन के साथ ‘स्लो प्वाइजन’ देने का गंभीर आरोप लगाया था। 

आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने भी मानवाधिकार आयोग को शिकायत भेज कर मौत के हालातों की बिंदुवार जांच कराने की मांग उठाई थी। शिकायत में ठाकुर ने कहा था कि जब मुख्तार और उसके परिजन हत्या का षड्यंत्र रचने का आरोप लगा रहे थे और मुख्तार लगातार अपनी तबीयत खराब होने की बात कह रहा था तो उसे अस्पताल में रखकर समुचित उपचार मिलना चाहिए था, जबकि मौत के दो दिन पहले बीमार होने पर प्रशासन उसे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया लेकिन उपचार के बाद उसे वापस जेल भेज दिया गया। 

इसके बाद 28 मार्च को उसकी तबीयत और अधिक खराब हो गई और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। अमिताभ ठाकुर का कहना है कि मामले में कई ऐसे तथ्य हैं, जिससे मौत का मामला संदिग्ध प्रतीत होता है। मानवाधिकार आयोग ने ठाकुर की शिकायत और जेल अधीक्षक की रिपोर्ट के आधार पर केस संख्या 6183/24/12/2024 जेसीडी दर्ज कर लिया है। 

मुख्तार की मौत पर दो जांच कमेटियां सक्रिय

मंडल कारागार में बंद रहे माफिया मुख्तार अंसारी की मौत पर गठित दो जांच कमेटियां सक्रिय हो गई हैं। जहां एक ओर सीजेएम भगवान दास गुप्ता के आदेश पर नामित न्यायिक जांच अधिकारी एसीजेएम प्रथम गरिमा सिंह और जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के आदेश पर नामित मजिस्ट्रेटीयल जांच अधिकारी अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार ने मंडल कारागार पहुंचकर जांच तेज कर दी है। दोनों ही अधिकारी लगभग दो घंटे जेल के अंदर मौजूद रहे। 

सूत्रों की मानें तो एसीजेएम प्रथम गरिमा सिंह और ने जेल पहुंचकर जेल प्रशासन की मौजूदगी में जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। सभी बिंदुओं का बारीकी से निरीक्षण करने के बाद जेल के स्टाफ से पूछताछ की। जेल में स्थित मुख्तार की बैरक नंबर 16 को पहले ही सील किया जा चुका है, ताकि साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ न की जा सके। 

वहीं मजिस्ट्रेटीयल जांच अधिकारी एडीएम राजेश कुमार ने भी अपनी जांच तेज करते हुए जेल पहुंचकर साक्ष्य एकत्र किए। एडीएम ने सार्वजनिक सूचना जारी करके 15 अप्रैल तक संबंधित व्यक्तियों से लिखित, मौखिक अभिकथन, साक्ष्य या बयान प्रस्तुत करने को बुलाया है।

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