पीलीभीत: गोशाला में जांच टीम को मिली शराब और बीयर की खाली कैन, चारे की जगह भूसा...फिर भी कार्रवाई नहीं
पीलीभीत, अमृत विचार: देवीपुरा गोशाला में गोवंशों की मौत के मामले को लेकर हुई जांच में आखिरकार जिम्मेदार दोषियों को बचा ही ले गए। मामले में कार्रवाई के नाम पर महज पंचायत सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। मामले की जांच तीन सदस्यीय टीम से कराई गई थी। जांच टीम को गोशाला में हरे चारे की जगह सूखा भूसा और शराब एवं बीयर की कैन पड़ी मिली।
देवीपुरा गोशाला में 29 मार्च को पशुओं की मौत की जानकारी मिलने पर विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ताओं ने गोशाला पहुंचकर जमकर हंगामा काटा था। मामला प्रशासन तक पहुंचा तो आनन-फानन में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी अरविंद कुमार, बीडीओ मरौरी मृदुला ने टीम के साथ मौके पर पहुंचकर मामले की पड़ताल की थी।
जांच में बीडीओ द्वारा तीन पशुओं के मृत मिलने की पुष्टि की गई। जबकि कार्यकर्ता आठ पशुओं की मौत होने की बात कह रहे थे। विहिप कार्यकर्ताओं ने गोशाला में पशु दान करने के नाम पर घोटाला करने का आरोप लगाते हुए जांच कर कार्रवाई करने की मांग की थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए सीडीओ धर्मेंद्र प्रसाद ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे।
मगर, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने मृत गोवंशों का बिना पोस्टमार्टम कराए ही अंतिम संस्कार कर दिया। इस मामले में जब मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने पूछा गया तो उन्होंने संदेह वाले मामलों में ही पशुओं का पोस्टमार्टम कराने की बात कही। मामले में जानकारी होने पर सीडीओ ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच करने के निर्देश दिए।
टीम में शामिल मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सदर और खंड विकास अधिकारी मरौरी ने मौके पर जाकर जांच की। जांच के बाद टीम ने रिपोर्ट सीडीओ को सौंप दी। जांच टीम की रिपोर्ट के मुताबिक गोआश्रय स्थल पर तीन मृत और चार पशु घायल अवस्था में मिले। हरा चारा नहीं पाया गया। चन्नी में सूखा भूसा पड़ा था। गोपालक की उपस्थिति पंजिका में केयरटेकर ओम प्रकाश के 24 से 28 मार्च तक हस्ताक्षर नहीं थे।
गो आश्रय स्थल पर शराब और बीयर की खाली कैन पड़ी हुई थी। इतना ही नहीं, दान रसीद बुक में क्रमांक 401 से 420 तक कुछ दर्ज नहीं था। जांच टीम को मौके पर दान, खाद बिक्री संबंधित कोई अभिलेख भी नहीं मिले। जांच टीम ने ग्राम विकास अधिकारी अनिल कुमार की लापरवाही मानते हुए रिपोर्ट सीडीओ को दी। जांच रिपोर्ट के आधार पर सीडीओ ने सचिव अनिल कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए है।
उक्त प्रकरण में तीन सदस्यीय टीम से जांच कराई गई थी। जांच में प्रथम दृष्टया सचिव की लापरवाही सामने आई है। इस पर सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। मामले में अभी और कार्रवाई होनी है--- धर्मेंद्र प्रताप सिंह, सीडीओ।
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