बदायूं: झोपड़ी में आग लगाने के मामले में सुनाया फैसला, पिता-पुत्र समेत चार दोषियों को 5 वर्ष की सजा

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Published By Vikas Babu
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बदायूं, अमृत विचार: अपर सत्र न्यायधीश ईसी एक्ट रिंकू जिंदल ने 13 साल पहले घर में आग लगाकर बैल की मृत्यु कारित करने के आरोपियों को दोषी करा दिया है। चार दोषियों को पांच साल की कैद और 13-13 हजार रुपये जुर्माना की सजा दी है। जुर्माना की धनराशि अदा न करने पर दोषियों को तीन महीने का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।

अभियोजन पक्ष के अनुसार कोतवाली सहसवान क्षेत्र के गांव फतनपुर टप्पा हवेली निवासी श्याम लाल पुत्र त्रिमल ने पुलिस को 30 मई 2011 को तहरीर देकर बताया था कि वह अपनी और अपने लड़के की जमानत कराने के लिए कचहरी गए थे। उनके घर पर महिलाएं और बच्चे ही थे। जब अपनी व लड़के की जमानत कराकर वापास घर लौटे तो घर पर उनका नाती सत्यवीर भागते हुए आ रहा था और उसने बताया की सैफुल्लागंज वाली झोपड़ी जिसमें बैल बंधे हुए थे।

उसमें शक्कन, तहजीब पुत्र अकील अहमद और शानू, तशरीफ पुत्र शक्कन ने दोपहर डेढ़ बजे आग लगा दी है। श्याम लाल अन्य लोगों के साथ मौके पर पहुंचे तो वहां आरोपी लाठी-डंडे और हथियार लेकर खड़े थे। झोपड़ी में आग से एक बैल मर गया और दूसरा बैल झुलस गया। बैलों का जोड़ा उन्होंने 25 हजार रुपये में खरीदा था। 

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ घर में आग लगाने और बैल को मारने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की। विवेचना के बाद आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य एकत्र किए। कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। मंगलवार को न्यायाधीश ने पत्रावली पर साक्ष्यों का अवलोकन कर एडीजीसी सुधीर मिश्र और बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस सुनने के बाद सजा आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई।

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