भारत रत्न सम्मान: लालकृष्ण आडवाणी को समाजवादी चिंतक दीपक मिश्र ने दी बधाई, कहा- उनके चयन पर प्रश्नचिन्ह लगाना उचित नहीं 

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। समाजवादी चिंतक व बौद्धिक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अध्यक्ष दीपक मिश्र ने वरिष्ठ राजनीतिक कार्यकर्ता, पत्रकार व लेखक लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न सम्मान के लिए बधाई देते हुए कहा है कि निःसंदेह लालकृष्ण आडवाणी सम्मान योग्य हैं । अब वे चुनावी राजनीति में नहीं हैं इसलिए उनके चयन पर प्रश्नचिन्ह लगाना उचित नहीं । जब मैंने आडवाणी जी की संवादोपरांत अपनी पुस्तकें दी तो उन्होंने मुझे लोहिया की पुस्तक भारत माता - धरती माता दी थी ।

आडवाणी ने सदैव प्रतिपक्षी विचारधारा का सम्मान किया है । जब तक वे लोकजीवन में सक्रिय रहे संसद में स्थापित लोहिया के चित्र को अनवरत माल्यार्पित करते रहे । वे लोहिया की  सीतारामराज, सप्तक्रांति, आर्थिक विकेंद्रीयकरण , आध्यात्मिक समाजवाद जैसी कई समाजवादी अवधारणाओं के कटिबद्ध समर्थक हैं । हिंदी अभियान के लिए उन्होंने मेरी प्रशंसा की थी जिसके कारण  मैं सदैव आभारी रहूंगा । 

आडवाणी की पुस्तक मेरा देश मेरा जीवन हर राजनीति कार्यकर्ता को पढ़ना चाहिए जिसमें उन्होंने साफ साफ लिखा है पंथनिरपेक्षता के समान ही समाजवाद की जड़ें भारत में गहराई से विद्यमान हैं । दीपक ने कहा कि भारत रत्न विभूषित विभूतियों की सूची राममनोहार लोहिया और पंडित दीनदयाल के नाम के बगैर अधूरी प्रतीत होती है । इसके अलावा अभी तक किसी हिंदी व उर्दू के साहित्यकार को भी भारत रत्न न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है । दीपक ने कहा कि तुलसी, कबीर, सूर, दिनकर, निराला, प्रेमचंद, साहिर, कैफी, शकील बदायूंनी, नीरज सदृश विभूतियों के देश में अभी तक सरकार को कोई साहित्यकार सर्वोच्च नागरिक सम्मान के लिए न मिलना दर्शाता है कि सरकार का रवैया साहित्यकारों के प्रति उदासीन और विभेदपूर्ण है ।

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