नैनीताल: हाईकोर्ट ने बलियानाला ट्रीटमेंट की याचिका की  निस्तारित

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Published By Bhupesh Kanaujia
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विधि संवाददाता, नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट ने नैनीताल का आधार कहे जाने वाले बलिया नाले में हो रहे भूस्खलन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने याचिका निस्तारित करते हुए याचिकाकर्ता से कहा है कि अगर उन्हें लगता है कि कार्य की गुणवत्ता में कोई कमी है तो वह फिर से प्रार्थनापत्र दायर कर कोर्ट को अवगत करा सकते है।

मंगलवार को हुई सुनवाई में राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि सरकार ने इसके ट्रीटमेंट के लिए टेंडर निकालकर काम शुरू कर दिया है, काम प्रगति पर है। सरकार के इस कथन पर कोर्ट ने जनहित याचिका निस्तारित कर दी। 

मामले के अनुसार नैनीताल निवासी अधिवक्ता सैयद नदीम मून ने 2018 में उच्च न्यायालय में जनहित दायर कर कहा था कि नैनीताल के आधार कहे जाने वाले बलियानाले में हो रहे भूस्खलन से नैनीताल व इसके आसपास रह रहे लोगों को बड़ा खतरा हो सकता है। नैनीताल के अस्तित्व और लोगों को बचाने के लिए इसमे हो रहे भूस्खलन को रोकने के लिए कोई ठोस उपाय किया जाए ताकि क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन को रोका जा सके।

याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि 2018 से इस पर शासन व कार्यदायी संस्था ने  स्थानीय लोगों के हितों का ध्यान नहीं दिया। बारिश के समय यहां पर निवास कर रहे लोगो को अन्य जगह शिफ्ट किया जाता रहा है। वर्ष 2018 में उनके द्वारा इसे बचाने के लिए जनहित याचिका दायर की गई परन्तु    सरकारों ने कोर्ट के आदेशों पर इसका सर्वे ही किया काम कम किया गया।

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