बहराइच: कतर्नियाघाट में बढ़ रही घड़ियालों की तादाद, जानिए क्यों गेरुआ नदी के लिए फायदेमंद है यह जलीय जीव?

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Published By Sachin Sharma
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बहराइच। उत्तर प्रदेश में बहराइच जिले के कतर्नियाघाट में घड़ियालों का कुनबा बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में आज घड़ियाल पुनर्वास केंद्र कुकरैल लखनऊ से 75 घड़ियाल के बच्चे लाए गए जिन्हे वन क्षेत्राधिकारी कतर्नियाघाट अनूप कुमार के नेतृत्व में सुरक्षित गेरुआ नदी में छोड़ा गया। तराई क्षेत्र में स्थित कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में वन्य जीवों के साथ जलीय जीवों की वंशवृद्धि तेजी हो रही है। अब गेरुआ नदी घड़ियाल का प्राकृतिक प्रवास बन रहा है।

घड़ियाल पुनर्वास केंद्र कुकरैल लखनऊ से लाकर 75 नन्हें घड़ियालों को कतर्नियाघाट की गेरुआ नदी में छोड़ा गया है। वन क्षेत्राधिकारी कतर्नियाघाट अनूप कुमार ने बताया कि गेरुआ नदी में छोड़े गए इन घड़ियाल के बच्चों में 11 नर और 64 मादा घड़ियाल हैं। रेंजर ने बताया कि यहां की जलवायु घड़ियाल के बच्चों के हर तरह के विकास के लिए बेहद मुफीद है।साथ ही पर्याप्त भोजन भी गेरुआ नदी में उन्हें मिल रहा है। प्राकृतिक रूप से घड़ियाल का गेरुआ में होना भी जरूरी है।

वन दारोगा मयंक पांडेय, आउटरीच प्रोग्राम इंचार्ज शाश्वतराज मौजूद रहे।रेंजर ने बताया कि कुकरैल से घड़ियाल के बच्चों को प्लास्टिक पाईप में नंबरिंग मार्किंग कर लाया जाता है जिन्हें 24 घंटे के भीतर पानी में छोड़ा जाना आवश्यक होता है।नंबरिंग मार्किंग की प्रक्रिया विशेषज्ञों की निगरानी में होता है।इस प्रक्रिया में घड़ियाल के पूंछ के ऊपर के नोंक की कटिंग की जाती है।घड़ियाल का कुनबा लगातार बढ़ने से यहां वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर है।

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