BJP में शामिल होने गए BSP के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री अंटू मिश्रा...दिल्ली से आया फोन और बिगड़ गया खेल
भाजपा में शामिल होने गए बसपा के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री अंटू मिश्रा कार्यालय से लौटाए गए
कानपुर, अमृत विचार। मायावती कैबिनेट के दागी मंत्री कानपुर के अनन्त मिश्रा (अंटू) को लखनऊ भाजपा कार्यालय से शुक्रवार को बैरंग लौटा दिया गया।
अंटू मिश्रा को भाजपा कार्यालय पार्टी में शामिल कराने को बुलाया गया था। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, जलसंसाधन मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह की उपस्थिति में अंटू को सदस्यता लेनी थी।
उन्होंने फोटो तक खिंचवा ली थी पर भाजपा का दुपट्टा नहीं पहन सके। इससे पहले कि उनका नाम पुकारा जाता, दिल्ली से एक फोन प्रदेश अध्यक्ष के पास आया। इसके बाद अंटू को कार्यालय छोड़कर जाने को कह दिया गया। अंटू कानपुर लौट आए।
भाजपा के नेता बताते हैं कि उनकी सदस्यता का मामला होल्ड पर है। भाजपा में इससे पहले भी मायावती के कैबिनेट मंत्री रहे एनआरएचएम घोटाले में आरोपी बाबू सिंह कुशवाहा की ज्वाइनिंग होनी थी पर उन्हें भी सदस्यता दिए बिना ही वापस कर दिया गया था। अनंत मिश्रा उर्फ अंटू का यह दूसरा मामला है। ऐन मौके पर इंकार किए जाने से अंटू बहुत निराश दिखायी दिए।
वर्ष 2007 में ब्राह्मण-दलित-मुस्लिम समीकरण से मायावती की पूर्ण बहुमत से सरकार बनी थी। तब ब्राह्मणों को एक करने के लिए सतीश मिश्रा के साथ अंटू भी कदमताल कर रहे थे। मायावती सरकार में उनका राजनीतिक जलवा था। क्राइस्ट चर्च कालेज से छात्र राजनीति की पारी शुरू करने वाले अनंत मिश्रा कानपुर से तीन बार विधानसभा चुनाव हारे।
2007 में फर्रुखाबाद से विधायक बन बहुजन समाज पार्टी की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बने थे। बहुजन समाज पार्टी ने बहुमत से सरकार बनाई थी। अंटू को स्वास्थ्य मंत्री की शपथ दिलायी गयी थी और फरुर्खाबाद सदर से विधायकी लड़ाकर विधानसभा लाया गया था।
बाद में नेशनल रूरल हेल्थ मिशन घोटाले में वह लिप्त पाए गए। यह मामला सीबीआई तक पहुंचा। जांच और चार्जशीट के बाद 2016 में अनंत और उनके माता-पिता के खिलाफ वॉरंट जारी हुआ। तीनों ने गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट में 50-50 लाख रुपये जमा कराए। बताया जाता है कि सभी जमानत पर हैं।