बरेली: मौलाना तौकीर रजा को दोबारा गैर जमानती वारंट जारी, कोर्ट ने SSP को सौंपी जिम्मेदारी

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Published By Vishal Singh
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बरेली, अमृत विचार। तौकीर रजा खां की गिरफ्तारी न होने पर फास्ट ट्रैक कोर्ट के स्पेशल जज रवि कुमार दिवाकर ने बुधवार को फिर पुलिस पर कड़ी टिप्पणी की। कहा, दंगे का मुख्य अभियुक्त होने के बावजूद तौकीर के प्रभाव के कारण उसकी अब तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इससे साफ जाहिर है कि देश में आम आदमी के लिए अलग कानून है और प्रभावशाली लोगों के लिए अलग। अदालत ने एसएसपी को आदेश दिया कि तौकीर को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर पेश किया जाए।

अदालत ने तौकीर रजा की गिरफ्तारी न होने पर सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर ये अपराध किसी आम व्यक्ति ने किया होता तो वह अब तक गिरफ्तार होकर जेल पहुंच गया होता लेकिन चूंकि तौकीर रजा प्रभावशाली धार्मिक व्यक्ति है, इसलिए गैरजमानती वारंट जारी होने के बावजूद खुला बाहर घूम रहा है। बता दें कि अदालत ने पांच मार्च को तौकीर रजा को शहर में 2010 में हुए दंगे का मुख्य अभियुक्त करार देते हुए पेश होने का आदेश दिया था लेकिन पुलिस तौकीर को समन ही नहीं दे सकी। इसके बाद 11 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने इसे तौकीर का सहयोग मानते हुए सीओ फर्स्ट को उसकी गिरफ्तारी करने का आदेश दिया था। लेकिन इसके बाद भी तौकीर की गिरफ्तारी नहीं हो पाई।

बुधवार को इस केस की सुनवाई के दौरान अदालत ने एसएसपी को दिया कि गैरजमानती वारंट पर मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाए। अदालत ने कहा कि जनपद में कानून व्यवस्था बनाए रखने की व्यक्तिगत जिम्मेदारी जिलाधिकारी की होगी। आदेश की प्रति आईजी बरेली रेंज को भी इस निर्देश के साथ भेजी गई है कि वह अपनी निगरानी में गैरजमानती वारंट तामील कराएं। केस की अगली सुनवाई अब 19 मार्च को होगी।

मृत्यु के बाद चार के खिलाफ केस खत्म
तौकीर रजा खां के साथ इस केस में जिन आरोपियों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी है, उनमें से बाबू, राजू उर्फ राजकुमार, कौसर और निसार अहमद की मृत्यु हो चुकी है। उनके विरुद्ध मुकदमे की कार्रवाई खत्म कर दी गई है। उधर, आरिफ, वसीम, अबरार के गैरहाजिर रहने पर उनके विरुद्ध गैरजमानती वारंट जारी किए गए हैं।

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