पाकिस्तानी का हटेगा ठप्पा, अब राधा भी कहलाएंगी हिन्दुस्तानी, 45 साल बाद CAA ने जगाई आस

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Published By Jagat Mishra
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पाकिस्तानी नागरिकता के चलते राधाबाई का आज तक नहीं बन सका कोई पहचान पत्र

आरपी सिंह/ प्रतापगढ़, अमृत विचार। पट्टी तहसील अंतर्गत कोहंड़ौर थाना क्षेत्र के सराय रजई गांव में रह रही पाकिस्तान की राधाबाई को  भारत की नागरिकता मिलने की उम्मीद जगी है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) राधा बाई की जिंदगी में अब तक का सबसे बड़ा उपहार साबित हुआ है। उसके ऊपर से पाकिस्तानी होने का ठप्पा हट जाएगा। प्रशासन जल्द ही भारतीय नागरिकता प्रदान किए जाने के लिए कार्रवाई भी शुरू कर सकता है।
 
हरीराम अपनी पत्नी रामराजी पुत्री ईश्वरी, लक्ष्मी और राधा बाई के साथ 14 जनवरी 1979 को नगर कोतवाली थाना क्षेत्र के पूरे केशवराव में पाकिस्तान से वीजा लेकर आए थे, उसके बाद वह कराची नहीं लौटे। हरीराम ने यहीं पर अपनी पुत्रियों की शादी स्थानीय लोगों से कर दी, लेकिन राधा के साथ पाकिस्तानी होने का ठप्पा नहीं हटा। वर्तमान समय में हरीराम और रामराजी दिवंगत हो चुके हैं। ईश्वरी जौनपुर और लक्ष्मी लखनऊ में ससुराल में परिजनों के साथ रह रही हैं। पाकिस्तानी नागरिकता के चलते राधाबाई का आज तक न तो मतदाता पहचान पत्र बन सका है और ना ही आधार कार्ड बना है।  11 अक्टूबर 2019 को राधा ने वीजा की तिथि बढ़ाने के लिए आवेदन भी किया लेकिन निराशा मिली। नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद राधा काफी खुश है। 

उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी होने के कारण परिवार के ही लोग हमें स्वयं की पुश्तैनी जमीन पर कब्जा नहीं करने दे रहे थे। आए दिन धमकी देते हैं कि पाकिस्तान से आई हो, वहीं भेज दी जाओगी, पर अब ऐसा नहीं हो सकेगा। उसने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन भी प्रस्तुत किया है। अब देखना यह है कि पाकिस्तानी  नागरिकता के साथ यहां रह रही राधा बाई के भारतीय बनने में कितना समय लगता है। एसडीएम पट्टी देशदीपक सिंह ने बताया कि राधा बाई ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है।

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