Bareilly News: यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने का चल रहा खेल, सेटेलाइट बस अड्डे के पास से ईको में भरी जा रहीं सवारियां

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Published By Moazzam Beg
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बरेली, अमृत विचार। निजी ईको कारों से बस अड्डे के पास से सवारियों को ढोया जा रहा है। यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने का खेल आरटीओ, रोडवेज और ट्रैफिक पुलिस की मिलीभगत से चल रहा है। इसकी वजह से बदायूं, पीलीभीत, बीसलपुर और पूरनपुर रूट पर रोडवेज की आय पर असर पड़ रहा है। इन रूटों पर आय कम होने पर रोडवेज के अधिकारी ड्राइवर और कंडक्टर के वेतन से कटौती कर रहे हैं।

शहर से लेकर देहात तक सड़कों पर मानकों को ताक पर रखकर ईको कारें दौड़ रही हैं। इनमें आठ से दस सवारियां भरी जा रही हैं। मामला जानकारी में होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। चौपुला स्थित पुरानी पुलिस लाइन के सामने से बदायूं, आंवला, दातागंज और भमोरा के लिए ईको में सवारियों को ले जाया जाता है। बदायूं के लिए चौपुला से ईको संचालक 60 रुपये किराया ले रहे हैं। इसके साथ पार्सल भी ढो रहे हैं। इसी तरह सेटेलाइट से पीलीभीत, पूरनपुर, बीसलपुर और नवाबगंज के लिए ईको कारें सवारियां बैठा रही हैं।

6854 ईको में से सिर्फ 970 का कॉमर्शियल में पंजीकरण
जिले में 6854 ईको कार का पंजीकरण है, जिसमें से सिर्फ 970 चालकों ने ही कॉमर्शियल पंजीकरण कराया है। नियमानुसार ईको में सवारियों को नहीं ले जाया जा सकता। इनके केवल दो आधार पर ही परमिट जारी किए जाते हैं। इसमें व्यक्तिगत पंजीकरण में ईको में अपने परिवार के साथ चला जा सकता है और कॉमर्शियल पंजीकरण में एक स्थान से बुकिंग करके दूसरे स्थान पर यात्रियों को ले जाया जा सकता है। इसमें जगह-जगह यात्रियों को उतारना-बैठाना प्रतिबंधित है।

बस अड्डे के पास से सवारियों भरने पर है रोक
नियमानुसार बस अड्डे से सौ मीटर के दायरे में कोई भी निजी वाहन सवारी नहीं ले जा सकता है, लेकिन सेटेलाइट बस अड्डे से अंदर और आसपास से पीलीभीत, पूरनपुर, नवाबगंज और बीसलपुर की सवारियां भरी जाती हैं। इसके अलावा सेटेलाइट बस अड्डे के आसपास ऑटो के साथ ई रिक्शा का भी मजमा लगा रहता है। वहीं बीसलपुर जाने के लिए प्राइवेट बसें भी सवारियां ढोती हैं।

कई बार अभियान चलाकर कार्रवाई की जा चुकी है। एक बार फिर से अभियान चलाकर अवैध तरीके से सवारियां ढोने वाली गाड़ियों पर कार्रवाई की जाएगी। -दिनेश कुमार सिंह, आरटीओ प्रवर्तन

परिवहन और ट्रैफिक पुलिस को कई बार पत्र लिखकर ईको को बंद कराने को कहा गया है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। एक दो दिन में फिर से अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।-अरुण कुमार वाजपेई, एआरएम रुहेलखंड

इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। अभी हमारी मीटिंग चल रही है। इस मामले को बाद में देखते हैं।-शिवराज सिंह, एसपी ट्रैफिक

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