हल्द्वानी: पुलिस से खेला पैंतरा, हिंसा के बाद एक साथ नहीं भागा मलिक का परिवार

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Published By Bhupesh Kanaujia
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हल्द्वानी, अमृत विचार। हिंसा के बाद अब्दुल मलिक परिवार साथ लेकर नहीं भागा, क्योंकि वो जानता था कि अगर एक साथ भागे तो एक साथ पकड़े भी जाएंगे। भागने से पहले उसने पुलिस से पैंतरा खेला और परिवार को अलग-अलग दिशा में भागने को कहा। फिलहाल तो मलिक पुलिस की गिरफ्त में है और अब पुलिस का पूरा ध्यान बेटे मोईद की गिरफ्तारी पर है। 

दंगे के बाद से फरार अब्दुल मलिक को पुलिस 16वें दिन गिरफ्तार करने में कामयाब हुई। पैसा और राजनीतिक पहुंच रखने वाले अब्दुल मलिक के भारत के कोने-कोने में संबंध हैं और यही वजह है कि मलिक हल्द्वानी से महाराष्ट्र तक ठिकाने बदलता रहा, लेकिन पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा।

वह दिल्ली लौटा तो पुलिस की नजर में आया और पकड़ा गया। माना जा रहा है कि बाप की इसी पहुंच का इस्तेमाल उसका बेटा अब्दुल मोईद भी कर रहा है। पुलिस का मानना है कि मोईद यहीं कहीं आस-पास भी छिपा हो सकता है या फिर भारत के किसी भी कोने में। हालांकि मलिक की गिरफ्तारी के बाद अब एसएसपी ने एक स्पेशल टीम को मोईद की गिरफ्तारी में लगा दिया। 

इधर, एक बाद और स्पष्ट हुई। पता लगा कि हिंसा के बाद मलिक यह जानता था कि उसका परिवार हिंसा की आंच में झुलस सकता है। पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए न सिर्फ खुद मलिक अलग दिशा में भागा, बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों को भी अलग-अलग दिशा में रवाना होने के आदेश दिए। यह सिर्फ इसीलिए था कि सभी एक साथ न पकड़े जाएं। एक साथ होते तो पुलिस को प्रयास कम करने पड़ते, लेकिन अलग-अलग थे इसी वजह से गिरफ्तारी नहीं हो सकी। 

हमने मोईद की तलाश तेज कर दी है। जितने लोगों को वांटेड घोषित किया गया था, उनमें से अब सिर्फ मोईद ही बचा है। हमारी टीम जल्द ही मोईद को भी गिरफ्तार कर लेगी। 
-प्रह्लाद नारायण मीणा, एसएसपी नैनीताल

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