Kanpur: छपेड़ा पुलिया बाजार में दुकानदारों का अतिक्रमण; सड़क को बनाया पार्किंग, राहगीरों का पैदल चलना भी हुआ दुश्वार...
कानपुर, अमृत विचार। छपेड़ा पुलिया बाजार की मुख्य सड़क जाम के साथ अनेक दुश्वारियां देती है। पैदल राहगीर हो या वाहन चालक, यह सड़क किसी के लिए चलने लायक नहीं है। बाजार में सड़क पर अतिक्रमण के साथ मंडी और मलबा भी दिखेगा। सड़क का फुटपाथ कहां दिखेगा, भला जब सड़क ही नहीं दिखती है। यहां खरीदारी करने आने वालों को वाहन खड़े करने की जगह नहीं मिलती है। बाजार के बीचों-बीच डिवाइडर पर भी दुकानदार अपना सामान लगा देते हैं।
काकादेव देवकी चौराहा से और जीटी रोड नौ नंबर क्रॉसिंग से छपेड़ा बाजार जाने का रास्ता है। इस बाजार में किसी भी रास्ते से जाएं, अतिक्रमण मिलेगा। छपेड़ा चौराहा पर हालात बदतर हैं। यहां करीब तीन दर्जन से अधिक फल के ठेले सड़क पर ही खड़े होते हैं। सब्जी के ठेले भी उनके बीच घुसे होते हैं।
पूड़ी, समोसा के ठेले इनसे दूर सड़क के किनारों पर खड़े मिल जाएंगे। कुल मिलाकर करीब 50 से अधिक ठेला चौराहा पर मौजूद मिलेंगे। बची कसर चौराहा के पास मंदिर के बाहर लगने वाली दुकानें पूरी कर देती हैं। यहां चौराहा पर दिनभर जाम की स्थिति रही है। फल व सब्जी के ठेले से निकलने वाला गला-सड़ा माल सड़क पर फेंका जाता है। इसलिए मवेशियों का जमावड़ा रहता है।
पूरी सड़क पर दिखता है मलबा
इस रोड पर फल व सब्जी मंडी के साथ पुराने व नए खिड़की-दरवाजों की दुकानें भी हैं। पुराने खिड़की व दरवाजे सड़क के डिवाइडर से खड़े किए जाते हैं। अगर जरा सा चूक हुई तो किसी के ऊपर भी गिर सकता है। वहीं सड़क पर कई जगह मलबा पड़ा दिखाई दे जाएगा।
इस रोड पर दिखेंगे सबसे ज्यादा मवेशी
बाजार में सब्जी व फल की दुकानों के कारण जानवरों को दिनभर खाने के लिए मिलता रहता है। यही कारण है कि रोड पर करीब 50 से अधिक से जानवर घूमते हुए मिल जाएंगे। जिससे रहागीरों के लिए खतरा बना रहता है।
दुकानदारों ने सड़क को बनाया पार्किंग
इस रोड पर वाहन खड़ा करने के लिए कोई जगह नहीं है। काफी दुकानदार बाहर से आकर यहां दुकान किए हैं तो कुछ स्थानीय हैं। मगर सभी के वाहन दुकानों के बाहर या डिवाइडर के किनारे सड़क पर ही खड़े होते हैं। दुकान का मलबा, ठेला, पार्किंग के बाहर आवागमन के लिए सड़क हीं नहीं बचती है।