आगरा: स्नातक छात्रा की आत्महत्या का मामला...एसओ समेत तीन पर गिरी गाज, स्वास्थ्य राज्य मंत्री के हस्तक्षेप के बाद कार्रवाई

आगरा: स्नातक छात्रा की आत्महत्या का मामला...एसओ समेत तीन पर गिरी गाज, स्वास्थ्य राज्य मंत्री के हस्तक्षेप के बाद कार्रवाई

आगरा, अमृत विचार। जिले के खंदौली थाना क्षेत्र में बीते 8 फरवरी को स्नातक की छात्रा द्वारा आत्महत्या के मामले में पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड ने एसओ समेत तीन लोगों को निलंबित किया है। एसओ समेत अन्य पर अधिकारियों से तथ्य छिपाए जाने का आरोप लगा है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल के दौरे के बाद कार्रवाई की गई है। 

किशोरी के परिजन घटना के बाद से घर के बाहर धरने पर बैठे हुए थे। न्याय के लिए पीड़ित पक्ष की ओर से केंडल मार्च भी निकाला गया था। लेकिन खंदौली थाना प्रभारी और जांच अधिकारी ने इस मामले में परिजनों द्वारा दिए गए सारे तथ्य अधिकारियों से छुपा लिए और कोई भी कार्रवाई नहीं की। 

मामले में किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई न होने के कारण क्षेत्र में लगातार जातिगत माहौल गर्म रहा था। आगरा से सांसद और केंद्र में राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल को इस मामले जानकारी अपने दौरे के दौरान हुई तो उन्होंने इस मामले में पीड़ित परिवार से पूरी जानकारी ली और इसके बाद एसीपी सुकन्या शर्मा को मौके पर ही कार्रवाई के लिए कहा। इसके बाद उन्होंने पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड को काल करके कार्रवाई को कहा। इसके बाद पुलिस आयुक्त ने देर रात खंदौली के एसओ समेत तीन लोगों को निलंबित कर दिया । 

कलुआ को पुलिस ने जेल भेजा
इस मामले में 24 फरवरी को पुलिस ने मुख्य आरोपित मनोज उर्फ कलुआ को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अभी अन्य आरोपियों पर कार्रवाई नहीं हुई थी। उधर से आरोपी पक्ष की ओर से भी समाज के लोग अधिकारियों से मिलकर उन्हें निर्दोष बता रहे थे।

देर रात निलंबित किया
देर रात पुलिस आयुक्त ने इस मामले में लापरवाही बरतने पर एसओ खंदौली अजय कुमार, मुंडी चौकी प्रभारी बलराम सिंह और बीट पुलिस आफिसर ओमवीर सिंह को निलंबित कर दिया। डीसीपी पश्चिम सोनम कुमार ने बताया कि एसओ, दारोगा और बीपीओ को निलंबित किया गया है। वास्तविकता छिपाने को कार्रवाई का आधार बनाया गया है। दारोगा बलराम सिंह इस मुकदमे का विवेचक भी था।

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