हल्द्वानी: ...बस हमें अब अमन और चैन चाहिए...राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने किया मलिक का बगीचा का दौरा

हल्द्वानी: ...बस हमें अब अमन और चैन चाहिए...राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने किया मलिक का बगीचा का दौरा

हल्द्वानी, अमृत विचार। बनभूलपुरा हिंसा के बाद राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा आयोग के उपाध्यक्ष और सदस्य के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने बनभूलपुरा थाने के साथ ही मलिक का बगीचा का भी निरीक्षण किया। ध्वस्त किए गए मदरसा और नमाज स्थल का जायजा लिया। साथ ही स्थानीय लोगों से भी बात की।

मंगलवार की शाम को आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा आयोग के उपाध्यक्ष केरसी के. देबू और सदस्य रिंचन लहमो के साथ सबसे पहले बनभुलपुरा थाना पहुंचा। घटना के दिन बनभूलपुरा थाने में आगजनी कर दी गई थी, जिसके बाद यहां मरम्मत का काम चल रहा है।

एसपी नैनीताल और तत्कालीन एसपी हल्द्वानी हरबंस सिंह ने उन्हें घटना की जानकारी दी। बताया कि उपद्रवियों की भीड़ ने पहले तो मलिक का बगीचा में प्रशासन, पुलिस और नगर निगम की टीम के साथ हिंसा की और बाद में मदरसा और नमाज स्थल ढहाए जाने के बाद थाने में आगजनी की।

बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी ने बताया कि घटना के समय थाने में तीन मजिस्ट्रेट थे। पुलिस, प्रशासन और पत्रकारों को मिलाकर कुल 11 लोग अंदर फंस गए थे। बाकी की पुलिस फोर्स मलिक का बगीचा में थी। बताया गया कि उपद्रवी खिड़की को तोड़कर मालखाने में रखे हथियार भी लूटना चाहते थे। जिन्हें विफल कर दिया गया। थाने के निरीक्षण के दौरान आयोग के अध्यक्ष ने यहां चल रहे पुनर्निमाण का भी जायजा लिया। 

मलिक का बगीचा में देखे आगजनी के निशान
हल्द्वानी। आयोग के अध्यक्ष लालपुरा ने मलिक का बगीचा का दौरा किया। यहां प्रशासन की ओर से सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह और एपी वाजपेयी, एसडीएम पारितोष वर्मा ने आयोग को जानकारी दी कि करीब दो एकड़ सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त कराया गया है। मदरसा और नमाज स्थल करीब तीन बीघा में बनाया गया था। मदरसा के पास भूमिगत नमाज स्थल था। जिसे कार्रवाई के दौरान तोड़ दिया गया है।

मौके पर हुई हिंसा की जानकारी पुलिस ने दी और बताया कि पेट्रोल बम, पत्थरों से हमला किया गया था। आयोग के अध्यक्ष लालपुरा ने स्थानीय लोगों से भी बात की। लोगों ने उनसे कहा कि उन्हें अब अमन और चैन चाहिए। जो हो गया उसे सब भूल जाना चाहता हैं। महबूब आलम ने कहा कि शहर में ऐसा पहली बार हुआ है।

अधिवक्ता मो. युसूफ ने बताया कि हल्द्वानी अमन और चैन के लिए जाना जाता है। उस दिन जो कुछ भी हुआ दुर्भाग्यपूर्ण है। अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं ने भी अपनी बात रखी और शांति बनाए रखने की अपील की। आयोग के अध्यक्ष लालपुरा ने स्थानीय लोगों को भरोसा दिलाया कि सबके साथ न्याय होगा। 

न्यायिक जांच की मांग की
हल्द्वानी। स्थानीय लोगों ने आयोग के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य के सामने कहा कि उन्हें मजिट्रेट जांच में भरोसा नहीं है। घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए। उसके बाद ही पूरे तथ्य सही तरह से सामने आ सकते हैं। अपना दर्द बताते हुए मो. असलम की आंखें भर आयीं। उन्होंने हाथ जोड़कर कहा कि अब बस किसी तरह से अमन कायम हो जाए। महिलाओं ने भी कहा कि अगर अमन और चैन कायम नहीं हुआ तो हमें शहर छोड़कर जाना होगा।

मुस्लिमों ने देश के लिए कुर्बानियां दी हैं: लालपुरा
हल्द्वानी। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष लालपुरा ने कहा कि मुस्लिमों ने इस देश के लिए कुर्बानियां दी हैं। कहा कि मैंने अभी पुलिस और प्रशासन का पक्ष जाना है। कहा कि कोई भी समुदाय दूर रहकर देश में नहीं रह सकता है। उन्होंने मदरसा और नमाज स्थल को ढहाए जाने के मामले पर बोला कि इसका समाधान भी निकाले जाने का प्रयास किया जाएगा। कहा कि पूरी तरह से यहां के लोगों का पक्ष नहीं जाना है। कहा कि जो कोई भी घटना के संबंध में अपनी बात रखना चाहता है वह मंगलवार की शाम 7.30 बजे तक और बुधवार को सुबह 11 बजे से सर्किट हाउस में आ सकता है। 

लोग थे भय में बोले हम खुद जाएंगे लोगों तक
हल्द्वानी। आयोग के अध्यक्ष और अन्य लोगों से स्थानीय लोगों की बातचीत कराने के लिए पुलिस और प्रशासन के लोगों ने प्रयास किया तो लोग आने से कतराने लगे। इस पर लालपुरा बोले कि अगर लोग यहां तक नहीं आ पा रहे हैं तो हम उनके पास तक जाएंगे। 

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