सुप्रीम कोर्ट ने संदेशखाली मामले पर एसआईटी गठित करने की याचिका की खारिज

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Published By Moazzam Beg
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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल के संदेशखालि गांव में हुई हिंसा की अदालत की निगरानी में सीबीआई या एसआईटी से जांच कराने का अनुरोध किया गया है।

न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पहले ही मामले पर संज्ञान ले लिया है। पीठ ने जनहित याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय जाने की स्वतंत्रता देते हुए कहा, ‘‘दोहरे मंच पर मामले नहीं होने चाहिए।’’

पीठ मामले पर विचार करने के लिए अनिच्छुक थी, इसलिए याचिकाकर्ता-वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने जनहित याचिका वापस ले ली। मामला वापस लिया गया मानकर खारिज कर दिया गया।

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि गांव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक स्थायी नेता और उनके समर्थकों द्वारा महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहा है। कई महिलाओं ने स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

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