बरेली: लॉकडाउन में बरकरार रहा प्यार, अनलॉक में बढ़ी तकरार

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बरेली, अमृत विचार। कोरोना महामारी के बाद लगे लॉकडाउन में लोग लड़ाई, झगड़ा, विवाद, रंजिश भूलकर प्रेम से रहना सीख गए थे। इस दौरान नाममात्र के फरियाद लेकर ही लोग अफसरों के पास पहुंचे लेकिन जैसे ही लॉकडाउन ने अनलॉक का रूप लिया वैसे ही लोगों के मन में दबी पुरानी रंजिश, विवाद बाहर निकल …

बरेली, अमृत विचार। कोरोना महामारी के बाद लगे लॉकडाउन में लोग लड़ाई, झगड़ा, विवाद, रंजिश भूलकर प्रेम से रहना सीख गए थे। इस दौरान नाममात्र के फरियाद लेकर ही लोग अफसरों के पास पहुंचे लेकिन जैसे ही लॉकडाउन ने अनलॉक का रूप लिया वैसे ही लोगों के मन में दबी पुरानी रंजिश, विवाद बाहर निकल आए। अब यह आलम हो गया है कि रोज 100 से अधिक लोग न्याय पाने की फरियाद लेकर अफसरों तक पहुंच रहे हैं। इसमें सबसे अधिक मामले घरेलू हिंसा के हैं।

जनवरी से सितंबर तक जिले में तैनात सीओ और एसएसपी के यहां 8907 लोगों ने फरियाद लगाई। इसमें डकैती से लेकर सामूहिक दुष्कर्म के साथ-साथ पति पत्नी विवाद, नाली का विवाद और मेड़ों तक झगड़े थे। पुलिस ने जब मामलों की जांच की तो आधों का समाधान हो गया जबकि 30 प्रतिशत शिकायतें रंजिशन की गई थीं।

इसमें लूट, छेड़खानी समेत चोरी के अधिक मामले थे। वहीं, लॉकडाउन के दौरान अप्रैल में सिर्फ 27 लोग एसएसपी ऑफिस पहुंचे और न्याय की गुहार लगाई। वहीं, आठ महीनों में सबसे अधिक बारादरी 1030 लोग वहां की पुलिस से न्याय न मिलने के कारण एसएसपी ऑफिस पहुंचे और गुहार लगाई। वहीं, देहात के शीशगढ़ से मात्र 87 फरियादी ही कप्तान ऑफिस तक इंसाफ मांगने पहुंचे। जहां हर माह लगभग 1000 लोग कप्तान यहां पहुंचते थे। सितंबर माह में यह आंकड़ा 2240 हो गया।

“आठ माह की शिकायतों के बारे में जब देखा गया तो पता चला की लॉकडाउन के दौरान अप्रैल माह में मात्र 27 लोग एक माह में शिकायत लेकर एसएसपी ऑफिस पहुंचे थे जबकि बाकी महीनों में लगभग एक हजार लोग यहां पहुंचे हैं। सितंबर माह में सर्वाधिक 2240 शिकायतें आई हैं। सार्वजनिक मामले घरेलू हिंसा के आते हैं।”–रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी

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