लखनऊ: दिव्यांगजन राज्य सलाहकार बोर्ड की बैठक, मंत्री नरेंद्र कश्यप ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश..
अमृत विचार, लखनऊ। राजधानी लखनऊ स्थित योजना भवन में मंगलवार को दिव्यांगता पर गठित राज्य सलाहकार बोर्ड उत्तर प्रदेश की पांचवी बैठक हुई। राज्य सलाहकार बोर्ड की बैठक में उत्तर प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री नरेन्द्र कश्यप ने स्वास्थ्य, परिवहन, खाद्य रसद समेत विभागों से आए अधिकारियों को दिव्यांजनों के हितों और उनको सशक्तीकरण बनाने के लिए दिशा निर्देश दिए।
वहीं बैठक के दौरान मौजूद सदस्यों ने दिव्यांगजन मंत्री के सामने दिव्यांगजनों के हितों के लिए अपने-अपने सुझाव भी दिये। बैठक में प्रमुख सचिव दिव्यांगजन सशक्तीकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण सुभाष चन्द्र शर्मा, विशेष सचिव दिव्यांगजन सशक्तीकरण अजीत कुमार, निदेशक दिव्यांगजन सशक्तीकरण भूपेन्द्र एस. चौधरी समेत कई विभागों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि दिव्यांगजनों को विभागों में आवागमन में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए विभागों के भवनों को दिव्यांगजन फ्रेंडली बनाया जाय।
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उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग दिव्यांगजनों को दिव्यांग प्रमाण पत्र समय से बनाने का कार्य करे, जिससे दिव्यांगजनों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन की बसों में दिव्यांजनों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाय। यदि दिव्यांगजन को देखकर बस चालक या कन्डेक्टर बस न रोके तो ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी जाय। उन्होंने आगे कहा कि खाद्य रसद विभाग दिव्यांगजनों को राशन कार्ड उपलब्ध कराने में सहयोग प्रदान करें, जिससे अधिक से अधिक पात्र दिव्यांगजनों का राशन कार्ड बन सके। विभागों में दिव्यांगजनों के लिए आयोजित होने वाले वर्कशाप में दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के प्रतिनिधि को अवश्य आमंत्रित किया जाय।
दिव्यांगजन सशक्तीकरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम संकल्प - नरेन्द्र कश्यप
मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने आगे कहा कि दिव्यांगजन सशक्तीकरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम संकल्प है, जिसे सीएम योगी नियमित रूप से समीक्षा कर एवं योजनाओं के माध्यम से पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगता पर गठित राज्य सलाहकार बोर्ड नियमित रूप से आयोजित की जाय, जिससे दिव्यांगजनों को सशक्तीकरण मे आ रही बाधाओं पर विचार-विमर्श कर उसका समाधान किया जा सके। इसके साथ दिव्यांगजनों के जीवन को और कैसे बेहतर किया जा सकता है, इस बार बोर्ड सदस्यों के सुझावों को सुनकर उसपर रणनीति बनायी जा सके।
दिव्यांग व्यक्तियों को सरकार की योजनाओं से किया जा रहा लाभान्वित - नरेंद्र कश्यप
दिव्यांगजन मंत्री ने बताया कि दिव्यांग व्यक्तियों हेतु भरण पोषण अनुदान योजना के अन्तर्गत दिव्यांगजनों को वित्तीय वर्ष 2023-24 में 10 लाख 40 हजार 823 दिव्यांगजनों को तृतीय किश्त की धनराशि उपलब्ध करा दी गयी है। इसी तरह कुष्ठावस्था पेंशन योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 11 हजार 671 दिव्यांगजनों को तृतीय किश्त की धनराशि उपलब्ध करा दी गयी है। शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को कृत्रिम अंग एवं सहायक क्रय हेतु अनुदान योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 10 हजार 229 उपकरण दिव्यांगजनों को उपलब्ध कराया जा चुका है। शल्य चिकित्सा अनुदान योजना के अन्तर्गत 10 हजार रूपये प्रति लाभार्थी प्रति वर्ष दिया जाता है। कॉक्लियर इम्लान्ट योजना के अन्तर्गत 6 लाख रूपये प्रति लाभार्थी अनुदान दिया जाता है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 158 दिव्यांगजनों को लाभाविन्त किया गया है। दिव्यांग दम्पति को शादी करने पर प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 534 दम्पतियों को लाभान्वित किया गया है। इसी तरह दुकान निर्माण व संचालन योजना के अंतर्गत 755 दिव्यांगजनों को लाभांवित किया गया है।
दिव्यांग बच्चों को यूनीफार्म, पठन-पाठन सामग्री, आवागमन, मध्यान्ह भोजन आदि की सुविधा निशुल्क
इसके अलावा दिव्यांगजन मंत्री ने आगे बताया कि बचपन केयर सेंटर में 03 से 07 वर्ष के आयु वर्ग के दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित, मानसिक मंदित बालक व बालिकाओं को उनके बौद्धिक स्तर के आधार पर वर्गीकृत कर प्री-प्राइमरी स्तर की शिक्षा प्रदान की जाती है। सेंटर में बच्चों को यूनीफार्म, पठन-पाठन सामग्री, आवागमन, मध्यान्ह भोजन आदि की सुविधा निशुल्क प्रदान की जा रही है। वर्तमान में आईएसओ प्रमाणीकृत 18 बचपन केयर सेंटर में 1069 बच्चे पठन-पाठन कर रहें है। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में दृष्टिबाधित, मूकबधिर, मानसिक मंदित तथा शारीरिक रूप से अक्षम दिव्यांगजन हेतु 16 विशेष विद्यालय तथा 05 समेकित विशेष विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश के निराश्रित मानसिक मंदित आश्रय गृह सह प्रशिक्षण केन्द्र बरेली मे महिलाओं हेतु तथा गोरखपुर एवं मेरठ में पुरूषों हेतु एक-एक आश्रय गृह सह प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना की गयी है।
