Kanpur: MSME उद्योग में पिछड़ रहा शहर; विशेषज्ञ बोले- नए विचारों व बाजार की मांग को समझकर करें शुरूआत...
कानपुर, अमृत विचार। एमएसएमई उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए नए विचारों का होना बहुत जरूरी है। नवीन विचारों से ही इस सेक्टर में अप्रत्याशित बूम आ सकता है। ऐसे युवा जो स्टार्टअप के लिए प्रयास कर रहे हैं, वे बाजार की मांग पर बारीक नजर रखें। बाजार में आने वाला बदलाव ही उन्हें नवीन विचारों के लिए प्रोत्साहित करेगा।
यह बात सोमवार को आईआईटी कानपुर की मेजबानी में हुए एमएसएमई इनोवेटिव स्कीम के डिजाइन कम्पोनेन्ट पर एक दिवसीय सूचनात्मक जागरूकता कार्यक्रम में कही गई। यह कार्यक्रम आईआईटी कानपुर में स्थापित स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर की ओर से वर्ल्ड एसोसिएशन फॉर स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज के साथ आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य योजना से मिलने वाले अवसरों का लाभ उठाकर एमएसएमई को सशक्त बनाना रहा।
विशेषज्ञों की ओर से कहा गया कि डिजाइन योजना एमएसएमई को हर पहलू पर सहायता प्राप्त करने में समाधान सुनिश्चित करेगी। यह एमएसएमई को उनके डिजाइन-संबंधित उद्देश्यों को विकसित करने और पूरा करने में सक्षम बनाएगा। कार्यक्रम की शुरुआत एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर की प्रबंधक डॉ. रिद्धि महनसरिया ने करते हुए कारोबार के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला। एमएसएमई इनोवेटिव योजना की क्षमता का लाभ के तहत जानकारियां प्रदान कीं।
इसके अलावा उन्होंने पिछले लाभार्थियों की ओर से बाजार में उतारे गए उन्नत उत्पादों के बारे में बताया। जिनमें ‘फूल को’ स्टार्टअप, कल्चर, प्राइमरी हेल्थटेक और अन्य स्टार्टअप शामिल हैं। कार्यक्रम में स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर, आईआईटी के प्रभारी प्रोफेसर अंकुश शर्मा ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से युवाओं को महत्वपूर्ण जरूरी सहायता के साथ अनुभव हासिल होता है।
85 हजार इकाइयों के साथ प्रदेश में तीसरे नंबर पर शहर
एमएसएमई इकाइयों की संख्या के मामले में कानपुर का स्थान पिछड़ गया है। लखनऊ नंबर वन पर है। लखनऊ में 1.12 लाख इकाइयां हैं। गाजियाबाद में 1.04 लाख इकाइयां हैं तो कानपुर में 85 हजार से ज्यादा इकाइयां हैं। प्रदेश में केवल गाजियाबाद और लखनऊ ही दो जिले हैं, जहां छोटी इकाइयों की संख्या एक लाख से ज्यादा है। इससे पहले एमएसएमई इकाइयों की संख्या सबसे ज्यादा कानपुर में थी।
