बोले शरद पवार- निर्वाचन आयोग का फैसला ‘हैरान’ करने वाला, आयोग ने राकांपा को संस्थापकों से छीनकर दे दिया दूसरों को
पुणे। वरिष्ठ नेता शरद पवार ने रविवार को कहा कि अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नाम और चुनाव चिह्न आवंटित किए जाने का निर्वाचन आयोग का फैसला ‘‘हैरान’’ करने वाला है। पवार ने कहा कि लोगों के लिए कार्यक्रम और विचारधारा अहम है जबकि किसी चुनाव चिह्न की उपयोगिता एक सीमित समय के लिए होती है।
दरअसल निर्वाचन आयोग ने छह फरवरी को घोषणा की थी कि अजित पवार गुट ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) है और आयोग ने अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह को राकांपा का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ आवंटित किया। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे भरोसा है कि लोग निर्वाचन आयोग के फैसले का समर्थन नहीं करेंगे। इसके खिलाफ हमने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।’’
पवार ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने उन लोगों के हाथों से पार्टी छीन ली जिन्होंने इसे बनाया और उसने (आयोग ने) इसे दूसरों को दे दिया। पवार ने कांग्रेस से अलग होने के बाद 1999 में राकांपा की स्थापना की थी। उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग ने उन लोगों के हाथों से पार्टी छीन ली जिन्होंने इसे बनाया और आगे बढ़ाया। देश में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।’’
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रह चुके पवार ने कहा कि उन्होंने अपना पहला चुनाव ‘बैलों की जोड़ी’ चुनाव चिह्न पर लड़ा था। उन्होंने कहा, ‘‘कार्यक्रम और विचारधारा किसी भी चुनाव चिह्न से ज्यादा अहम है।’’
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