UP Budget 2024: योगी सरकार के बजट पर RLD का तंज- 5 किलो राशन देने से सरकार की जिम्मेदारी खत्म नहीं होती
राष्ट्रीय लोक दल की मांग- आगामी बजट में ग्रामीण क्षेत्र के बजट को अलग किया जाए
अमृत विचार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सोमवार को वर्ष 2024-25 का बजट विधानसभा में पेश किया। योगी सरकार के बजट को लेकर राष्ट्रीय लोकदल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कुछ विशेष लोगों के लिए व्यवस्था करके किसानों और ग्रामीण वर्ग की अनदेखी करने से देश का विकास संभव नहीं है। केवल 5 किलो राशन देने से सरकार की जिम्मेदारी खत्म नहीं हो जाती है।
राष्ट्रीय लोक दल व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने कहा कि सरकार को ग्रामीण क्षेत्र के समग्र विकास के लिए ग्रामीण क्षेत्र के बजट को अलग करना चाहिए। जब तक ग्रामीण क्षेत्र का विकास नहीं होगा तब तक गरीबी का उन्मूलन किसी प्रकार से संभव नहीं है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के लिए अलग बजट लाकर ही देश को विकास के पथ पर अग्रसर किया जा सकता है।
वहीं उन्होंने किसानों की एमएसपी और गन्ना मूल्यों की वृद्धि को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रीय लोकदल ने उत्तर प्रदेश सरकार की दोहरी नीति को उजागर किया है और सरकार से सवाल किया कि मार्केट में जो गेहूं 2900/- रुपए प्रति कुंतल बिक रहा है, वही उत्तर प्रदेश में 2275/- रुपए प्रति कुंतल क्यों बिक रहा है? गन्ना किसानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार जो एथनॉल के बारे में योजना लाई थी, उसका सीधा लाभ गन्ना किसानों को मिलना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अन्य राज्यों की भाजपा सरकार किसानों को ₹400 प्रति कुंतल गन्ना मूल्य दे रही है जबकि उत्तर प्रदेश में प्रति कुंतल गन्ने का मूल्य केवल ₹360 प्रति कुंतल है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में गन्ना किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है।
रोहित अग्रवाल ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अपने बजट के पैसों का पूर्ण रूप से उपयोग नहीं कर पा रही है, जिससे हर साल लाखों करोड़ रुपए का बजट वापस जा रहा है। देश का किसान, युवा, वर्ग और व्यापारी वर्ग सरकार की ओर देख रहा है। हम चाहते हैं और जनता की ओर से यह संदेश पहुंचाते हैं, कि चौधरी चरण सिंह की विचारधारा का ध्यान रखते हुए, आप ग्रामीण भारत के समग्र विकास पर बल दें। चौधरी चरण सिंह ने कहा था कि "विकसित भारत का रास्ता गांव से होकर जाता है।"
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