अंकित हत्याकांड : एकलौते बेटे को खोने के गम में पिता बदहवास,नहीं थम रहे आंसू 

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Published By Jagat Mishra
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गोंडा, अमृत विचार। मोतीगंज थाना क्षेत्र के अचलपुर गांव के रहने वाले अंकित तिवारी की हत्या हुए पांच दिन बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस अभी क्षेत्र के विवाद में उलझी है। जीआरपी ने घटना के बाद आरोपी डाक्टर के खिलाफ रिपोर्ट तो दर्ज कर ली लेकिन कार्रवाई के नाम पर उसकी प्रगति शून्य है। जीआरपी अभी घटनास्थल को लेकर सीमा क्षेत्र ही नहीं कर पा रही है। तीन दिन तक घटना की जांच करने के बाद रविवार की रात गोंडा आए एसपी जीआरपी ने घटना क्षेत्र जीआरपी से बाहर का बताकर इसकी विवेचना नगर कोतवाली को ट्रांसफर करने की बात कही थी लेकिन सोमवार को पूरा दिन इस संबंध में कोई आदेश नहीं आ सका। परिजन नगर कोतवाली पुलिस को विवेचना ट्रांसफर होने का इंतजार करते रहे।‌ राजकीय‌ रेलवे पुलिस की ढिलाई से हत्यारोपी पकड़ से दूर होते जा रहे हैं। वहीं घटना के पांच दिन बाद भी मृतक के परिवार में चूल्हा नहीं जला है। इकलौते बेटे के खोने के गम में मां और बहनें बीमार पड़ गयी हैं। बुजुर्ग बाबा खामोश हैं, जबकि पिता बदहवाश है। उनकी आंख से आंसू नहीं थम रहे हैं। जैसे ही कोई शोक संवेदना जताने मृतक अंकित के घर पर पहुंचता है वैसे परिजन के चीत्कार उठते हैं। उनकी आंखे के सामने वह खौफनाक मंजर घूम उठता है। परिजनों के इस करुण क्रंदन को देख शोक संवेदना जताने वाले की आंख भी नम हो जा रही है। 

शोक संवेदना जताने वालों का लगा है तांता, हाथ पर हाथ धरे बैठी है पुलिस 
अंकित की मौत के बाद उसके घर पर शोक संवेदना जताने वालों का तांता लगा है। सोमवार को मेहनौन विधायक विनय कुमार द्विवेदी ने मृतक के गांव अचलपुर पहुंचकर शोक संतप्त परिवार को ढाढ़स बंधाया और हर संभव मदद का भरोसा दिया। विधायक ने कहा कि दोषी को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जायेगा। वहीं सोनवरसा आश्रम पीठाधीश्वर छोटे बाबा घटना के बाद लगातार दूसरी बार परिवार के बीच पहुंचे और उन्हें संबल दिया। छोटे बाबा ने सोमवार को डीएम एसपी से भी मुलाकात की थी और हत्यारोपी डॉक्टर दीपक सिंह व उसके गुर्गों को शीघ्र गिरफ्तार किये जाने की मांग की। सांसद कीर्तिवर्धन सिंह के प्रतिनिधि राजेश सिंह व भाजपा नेता महेश तिवारी भी पीडित परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना दे चुके हैं। इन दोनों नेताओं ने भी परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिया है। वहीं वारदात के पांच दिन बाद भी राज काय रेलवे पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। जीआरपी न तो आरोपी डाक्टर क गिरफ्तार कर सकी है और न ही अब तक‌ मुकदमा जिला पुलिस को ट्रांसफर किया गया है। नगर कोतवाल राजेश सिंह का कहना है कि वह घटना पर पूरी नजर रखे हुए हैं। जैसे ही जीआरपी मुकदमें को ट्रांसफर करती है वह कार्रवाई शुरू कर देंगे। 

डॉक्टर ने अपने गुर्गों संग मिलकर की थी युवक की हत्या
मोतीगंज थाना क्षेत्र से अचलपुर गांव का रहने वाला अंकित तिवारी (23) नगर कोतवाली क्षेत्र के सर्कुलर रोड स्थित नारायणा हॉस्पिटल में काम करता था। बृहस्पतिवार की शाम सिगरेट लाने से इंकार करने पर उसका अस्पताल के संचालक डॉक्टर दीपक सिंह से विवाद हो गया था। अस्पताल में काम करने वाले कर्मियों की माने तो बृहस्पतिवार की शाम डाक्टर दीपक ने अंकित से सिगरेट लाने के लिए कहा था लेकिन उसने सिगरेट लाने से इंकार कर दिया था। हैवान बने डॉक्टर ने पहले अंकित की बेरहमी से पिटाई की थी और फिर उसकी हत्या कर दी। आरोपियों ने इस जघन्य हत्या को आत्महत्या का रूप देने की नीयत से उसे ले जाकर रेलवे स्टेशन के समीप रेल ट्रैक लिटा दिया था। वह तो गनीमत रही कि मालगाड़ी‌ के चालक ने शव पहले ही देख लिया और ट्रेन रोक ली। पीएम रिपोर्ट आने के बाद जीआरपी ने डॉक्टर व उसके दो‌ गुर्गों के खिलाफ हत्या व शव को छिपाने की रिपोर्ट दर्ज किया है।

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