केंद्र सरकार कर्पूरी ठाकुर से प्रेरणा लेते हुए काम कर रही है: पीएम मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को जननायक कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनके नेतृत्व में केन्द्र सरकार निरंतर कर्पूरी ठाकुर से प्रेरणा लेते हुए काम कर रही है जो सरकार की उन नीतियों में भी परिलक्षित होती हैं, जिनसे देशभर में ‘सकारात्मक बदलाव’ भी आया है।
भारत सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने का फैसला किया। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में मंगलवार इसकी घोषणा हुई। यह घोषणा कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती से एक दिन पहले की गई। प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘देशभर के मेरे परिवारजनों की ओर से जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी जन्म-शताब्दी पर मेरी आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। इस विशेष अवसर पर हमारी सरकार को उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।’’
ठाकुर ने भारतीय समाज और राजनीति पर जो ‘अविस्मरणीय छाप’ छोड़ी है, उसे लेकर प्रधानमंत्री ने अपनी भावनाओं और विचारों को ‘नमो ऐप’ पर लिखे अपने एक लेख के माध्यम से ‘एक्स’ पर साझा किया। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार निरंतर जननायक कर्पूरी ठाकुर जी से प्रेरणा लेते हुए काम कर रही है। यह हमारी नीतियों और योजनाओं में भी दिखाई देता है, जिससे देशभर में सकारात्मक बदलाव आया है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय राजनीति की सबसे बड़ी त्रासदी यह रही थी कि कर्पूरी ठाकुर जैसे कुछ नेताओं को छोड़कर सामाजिक न्याय की बात बस एक ‘राजनीतिक नारा’ बनकर रह गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘कर्पूरी ठाकुर की दृष्टि से प्रेरित होकर हमने इसे शासन के एक प्रभावी मॉडल के रूप में लागू किया। मैं विश्वास और गर्व के साथ कह सकता हूं कि भारत के 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने की उपलब्धि पर आज वह जरूर गौरवान्वित होते।’’
उन्होंने कहा कि गरीबी से बाहर निकलने वालों में समाज के सबसे पिछड़े तबके के लोग सबसे ज्यादा हैं, जो आजादी के 70 साल बाद भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज केंद्र सरकार योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ लोगों तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है और इस दिशा में उसके प्रयास सामाजिक न्याय के प्रति सरकार के संकल्प को दिखाते हैं।
इस कड़ी में उन्होंने मुद्रा लोन से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को मिल रहे लाभों का उल्लेख किया और कहा कि यह कर्पूरी ठाकुर के आर्थिक स्वतंत्रता के सपनों को पूरा कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह यह हमारी सरकार है, जिसने इन समुदायों का आरक्षण में दायरा बढ़ाया है। हमें ओबीसी आयोग (दुख की बात है कि कांग्रेस ने इसका विरोध किया था) की स्थापना करने का भी अवसर प्राप्त हुआ, जो कि कर्पूरी ठाकुर के दिखाए रास्ते पर काम कर रहा है।’’
मोदी ने कहा कि कुछ समय पहले शुरू की गई पीएम-विश्वकर्मा योजना भी देश में ओबीसी समुदाय के करोड़ों लोगों के लिए समृद्धि के नए रास्ते बनाएगी। उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखने वाले एक व्यक्ति के रूप में उन्हें कर्पूरी ठाकुर के जीवन से बहुत कुछ सीखने को मिला है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे जैसे कई लोगों के जीवन में कर्पूरी बाबू का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष योगदान रहा है। इसके लिए मैं उनका सदैव आभारी रहूंगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्यवश, हमने कर्पूरी ठाकुर को 64 वर्ष की आयु में ही खो दिया। हमने उन्हें तब खोया, जब देश को उनकी सबसे अधिक जरूरत थी।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही वह आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन जन-कल्याण के अपने कार्यों की वजह से करोड़ों देशवासियों के दिल और दिमाग में जीवित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वह एक सच्चे जननायक थे।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे जीवन में कुछ ऐसे व्यक्ति भी होते हैं जिनके बारे में सुनकर ही उनसे प्रभावित हो जाते हैं और उनके लिए कर्पूरी ठाकुर भी ऐसे ही रहे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता कैलाशपति मिश्र से कर्पूरी ठाकुर के बारे में साझा किए गए अनुभवों का जिक्र करते हुए उनके जीवन से जुड़े कुछ किस्सों का भी उल्लेख अपने लेख में किया।