लखनऊ में हुई थाईलैंड की रामलीला, मॉरीशस के रामायण मंडली ने गाया सोहर

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। चाहे कृष्ण कहो या राम,जग मे सुंदर हैं दो नाम...बोलो राम, राम, राम... एक कंस पापी को मारे, एक दुष्ट रावण संहारे... बोलो श्याम, श्याम, श्याम... भजन की स्वर लहरी से पूरा माहौल राममय हो गया।  मौका था 1090 चौराहे पर सोमवार को आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय रामायण उत्सव का।

अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय रामायण उत्सव के दूसरे दिन कार्यक्रम की शुरूआत मॉरीशस से आये दल ने की। लखनऊ में मॉरीशस से आये रोश बोइस वंदना रामायण मंडली की तरफ से कार्यक्रम की शुरूआत रामलला के जन्म के समय गाये जाने वाले सोहर से की गई। मॉरीशस संस्थान धर्म टेम्पल फेडरेशन के डिप्टी जनरल सिक्रेटरी विकाश अंघनू ने बताया कि मॉरीशस सरकार के कला एवं संस्कृति मंत्रालय और आईसीसीआर के माध्यम से हमारे समूह को भारत भेजा जाता है। जिससे हम रामायण का मंचन गीत के माध्यम से कर सकें। 

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इस अवसर पर थाइलैंड, सिंगापुर और श्रीलंका से आये कलाकारों के दल ने भी रामलीला का मंचन किया। इस अवसर पर थाइलैंड से आये दल ने नृत्य नाटिका के जरिये रामायण का मंचन किया। जिसमें कहानी तो रामायण की थी, लेकिन वेशभूषा में बदलाव था। 1090 चौराहे पर जब यह रामलीला चल रही थी, तो पात्रों के अभिनय और आकर्षक वस्त्रों से स्थानीय लोगों ने पात्रों को पहचान लिया। साथ ही जमकर उनके अभिनय की तारीफ की। इसमें राम, जिराट और सुफाजीरा, हनुमान बने थे।

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