ईरान के साथ तनाव के बीच पाकिस्तान की उड़ानों पर असर, 50 फीसदी की गिरावट

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Published By Priya
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इस्लामाबाद। ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच किसी भी तरह की आवाजाही पर प्रतिबंध न होने के बावजूद पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से उड़ानों की संख्या में लगभग 50 फीसदी की गिरावट आई है। पाकिस्तानी मीडिया ने शनिवार को यह जानकारी दी। गत मंगलवार को ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन से हमले किए जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया। 

ईरान की ओर से कहा कि उसने जैश अल-अदल आतंकवादी समूह के अड्डे को निशाना बनाया था जिसने ईरान में दिसंबर में एक थाना पर घातक हमले की जिम्मेदारी ली थी। पाकिस्तान ने ईरान के हमलों की निंदा की और ईरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया, साथ ही कहा कि ईरानी राजदूत अब पाकिस्तान में काम नहीं कर सकते। विमानन सूत्रों ने पाकिस्तानी अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ को बताया कि गुरुवार को पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में केवल 450 उड़ानें पंजीकृत की गईं जबकि आमतौर पर यह संख्या 750 तक पहुंचती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एयरलाइंस देश के हवाई क्षेत्र का उपयोग करने के लिए पाकिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण को भुगतान करती हैं। 

शुक्रवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने अपने ईरानी समकक्ष होसैन अमीराब्दुल्लाहियन से मुलाकात की। जिलानी ने दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया और आपसी विश्वास के आधार पर तेहरान के साथ सहयोग करने की इच्छा व्यक्त की। ईरानी विदेश मंत्रालय ने अपनी ओर से पाकिस्तान से सुरक्षा सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने और पिछले समझौतों का सम्मान करने का आह्वान किया जबकि अमीरबदोल्लाहियन ने पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए ईरान के सम्मान को दोहराया। 

गुरुवार को पाकिस्तान ने ईरान के सिस्तान और बलूचिस्तान में ‘आतंकवादी ठिकानों’ के खिलाफ रात भर सटीक हमले किए। आईआरजीसी हमलों के बाद ईरानी विदेश मंत्रालय के बयान के स्वर को दोहराते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान ईरान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है तथा अपनी सुरक्षा एवं राष्ट्रीय हितों की रक्षा के एकमात्र उद्देश्य से हमले किए। 

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