अयोध्या: मंदिर आंदोलन के प्रथम रक्षक की सातवीं पीढ़ी को मिला समारोह का निमंत्रण
अयोध्या, अमृत विचार। श्रीराम मंदिर आंदोलन के प्रथम रक्षक कहे जाने वाले ग्राम पंचायत सनेथू के पंडित देवीदीन पांडेय की सांतवीं पीढ़ी पण्डित दुर्गा प्रसाद पांडेय को श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सम्मान स्वरूप प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान का न्योता ब्लाक प्रमुख संघ के अध्यक्ष शिवेन्द्र सिंह ने सौंपा।
राम मंदिर के प्रथम रक्षक कहे जाने वाले देवीदीन पांडेय ने शास्त्र छोड़कर शस्त्र का ग्रहण करते हुए रामद्रोहियों को नेस्तनाबूद कर दिया था। यह कहानी भी अपने में शौर्य, साहस की परिचायक है। पण्डित देवीदीन पाण्डेय की प्रांजल कीर्ति के पन्ने इतिहास के पन्नों में दर्ज है। उनकी वीरता का लोहा आक्रांता बाबर भी मानता था।
राम मंदिर को क्षतिग्रस्त करने के उद्देश्य से मीर बांकी की सेना ने राम मंदिर पर हमला किया। मुगलसेना से भिड़ने वाले अयोध्या के सनेथू निवासी देवीदीन पांडेय सूर्यवंशी क्षत्रियों के पुरोहित थे। वे मलखंभ, कुश्ती के अलावा शास्त्र के साथ ही शस्त्र चलाने के भी शौकीन थे। उन्होंने करीब 700 मुगल सैनिकों को जहन्नुम पहुंचा दिया और वीरगति को प्राप्त हुए थे।
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