प्रतिबंधित प्लास्टिक से ईंधन बना Kanpur Nagar Nigam कर रहा ‘कमाई’, भौ सिंह पनकी में बनाया जा रहा तेल

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Published By Nitesh Mishra
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प्रतिबंधित प्लास्टिक से ईंधन बना कानपुर नगर निगम कमाई कर रहा।

प्रतिबंधित प्लास्टिक से ईंधन बना कानपुर नगर निगम कमाई कर रहा। भौ सिंह पनकी में क्रेकिंग यूनिट से रोज तीन टन माल से तेल बनाया जा रहा।

कानपुर, अमृत विचार। कानपुर नगर निगम प्रतिबंधित प्लास्टिक से ईंधन बनाकर कमाई कर रहा है। भौ-सिंह पनकी स्थित क्रेकिंग यूनिट में हर दिन तीन टन माल से पेट्रोलियम तेल जैसा ईंधन बनाया जा रहा है। इसे सीमेंट कंपनी और भट्टी संचालकों को बेचा जा रहा है।

इससे पहले जब्त की जा रही प्लास्टिक को डंपर से क्रश कराकर कूड़े के पहाड़ों में मिला दिया जाता था। कई बार जलाया भी गया है। लेकिन अब नगर निगम ने प्लांट लगाकर इससे कमाई शुरू कर दी है। 

प्रवर्तन प्रभारी आलोक नारायण ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान लगातार चलाया जा रहा है। रोज गुजरात व अन्य जिलों से 10 टन प्रतिबंधित प्लास्टिक से बने सामाना शहर या यहां से दूसरे शहरों को जाता है।

एक अनुमान के तहत करीब 5 टन प्रतिबंधित प्लास्टिक से बना सामान शहर में खपाया जा रहा है। पिछले चार वर्षों में 2,45,426 किलो डिस्पोजल, पानी के गिलास व प्रतिबंधित प्लास्टिक से बना सामान जब्त किया गया है। इतनी ज्यादा मात्रा में जब्त माल रखना नामुमकिन था। इसके दोबारा बाजार में सामान जाने का डर रहता था।

इसे देखते हुए ही पनकी में प्लांट लगाया गया है, जिससे तेल बनाया जा रहा है। उत्पादित तेल को न तो पेट्रोलियम ईंधन कह सकते हैं और न ही किसी काम में ले सकते हैं। लेकिन यह जलाने में काम आ रहा है। इसीलिए भट्टियों और सीमेंट बनाने वाली कंपनियों को बेचना शुरू किया गया है। 

चार वर्षों में करीब एक करोड़ वसूली

नगर निगम के प्रवर्तन दल ने वर्ष 2020 से अब तक प्रतिबंधित प्लास्टिक के खिलाफ छापेमारी करके लगभग 98 लाख रुपये से ज्यादा जुर्माना वसूला है। जिससे नगर निगम का खजाना भर रहा है।

यह दिक्कत भी आ रही सामने

क्रेकिंग यूनिट प्लांट बॉयलर की तरह काम कर रहा है। जो लकड़ी जलाकर चलाया जा रहा है। इस प्रक्रिया में तीन टन माल से तेल निकालने के बाद प्लांट के अंदर राख की भरमार हो जाती है। जब तक राख बाहर नहीं निकाली जाती तब तक फ्रेश प्लास्टिक को प्लांट में नहीं डाला जा सकता। आलोक नारायण ने बताया कि इस प्रक्रिया में देरी होती है। जिससे मॉल को पूरी तरह से खपाने में समय लग जाता है। इस कारण मंगलवार को पकड़ी गई प्रतिबंधित प्लास्टिक प्रक्रिया के लिए शेष रह गई है।

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