हल्द्वानी: पुरानी टेबल पर गेंद में उछाल ही नहीं, कैसे तैयार हों खिलाड़ी

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Published By Bhupesh Kanaujia
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ललित पांडे, हल्द्वानी,अमृत विचार। खेल प्रतिभाएं तराशने का दावा खेल विभाग करता है लेकिन हकीकत की तह में जाने पर पता चलता है कि विभाग केवल खानापूर्ति कर रहा है। इसी तरह से टेबल टेनिस खिलाड़ियों के लिए भी सुविधाएं केवल नाम की हैं। उनके लिए साधारण मैट तक उपलब्ध नहीं है। टेबल भी पुरानी है। इस पर गेंद सही से उछलती भी नहीं है।

अमृत विचार ने इस प्रकरण पर मौके पर जाकर पड़ताल की तो खामियां भी सामने आ गईं। खिलाड़ी से उम्मीद की जाती है कि वे प्रतियोगिताओं में जिले व राज्य का नाम रोशन करें, लेकिन उन्हें सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं दिया जाता। टेनिस खिलाड़ी बताते हैं कि मिनी स्टेडियम में पहले टेबल सामने वाले हॉल में लगी थी, वहां सिथेटिक मैट बिछी है लेकिन करीब 3-4 महीने पहले वहां से टेबल हटा दी गई। सुविधाएं नहीं होने पर मिनी स्टेडियम में खिलाड़ियों ने आना बंद कर दिया है। 

पड़ताल में मिली हर जगह कमी
कमी नंबर 1- मिनी स्टेडियम में टेनिस खेलने के लिए एक टेबल है लेकिन उससे नेट ही गायब है। खेलते समय खिलाड़ियों के पैरों की पकड़ मजबूत रहे, इसलिए फर्श पर सिंथेटिक मैट बिछी होनी चाहिए, लेकिन यहां साधारण मैट तक नहीं है।
कमी नंबर 2, गौलापार स्टेडियम में लगी टेनिस की टेबल करीब  6-7 साल पुरानी है। इस पर गेंद न तो उछलती, न स्पिन होती व न ही स्पीड पकड़ती है। फर्श पर सिथेटिक मैट बिछी है लेकिन उस पर गंदगी का अंबार लगा है। 

हमें गेंद तक नहीं मिलती है
हल्द्वानी। खिलाड़ियों ने बताया कि टेबल 3-4 साल बाद खेलने लायक नहीं रहती। खिलाड़ी गौलापार स्टेडियम आते हैं तो यहां आए दिन घंटों तक बिजली गुल रहती है। खिलाड़ी कहते हैं कि घंटों बिजली जाने पर भी जनरेटर नहीं चलाया जाता। वे बताते हैं कि खेलने के लिए गेंद भी नहीं मिलती, जिद करने पर कम गुणवत्ता वाली वन स्टार गेंद थमा दी जाती है।

काशीपुर के खिलाड़ियों का रहा है जलवा
हल्द्वानी। टेबल टेनिस में कभी काशीपुर के खिलाड़ियों का जलवा हुआ करता था लेकिन सुविधाएं नहीं मिलने से वहां प्रतिभाएं दम तोड़ने लगीं। हल्द्वानी में भी 3 से 5 हजार रुपये महीना खर्च वहन करने वाले खिलाड़ियों ने कभी का सरकारी स्टेडियम से मुंह मोड़कर निजी कोचिंग संस्थानों का रूख कर लिया है। इधर, आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे भी सुविधाएं नहीं मिलने से खेल को अलविदा कहने की सोचने लगे हैं। 

टेबल के लिए ऑर्डर दिया गया है, एक-दो दिन में आ जाएगी।
- रशिका सिद्दीकी, सहायक खेल निदेशक