बरेली: होटल पर प्रॉपर्टी टैक्स कम करने का फैसला, बोले- पहले भी पारित हुआ था प्रस्ताव, फिर जारी नहीं हुआ शासनादेश
बरेली, अमृत विचार। होटलों पर लागू प्रॉपर्टी टैक्स अब तक आवासीय भवनों की तुलना में छह गुना था जिसे पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने होटलों को उद्योग का दर्जा देते हुए तीन गुना करने का निर्णय लिया है।
होटल कारोबारियों ने सरकार के इस निर्णय पर खुशी जताई है। हालांकि यह भी कहा है कि कैबिनेट यह प्रस्ताव पहले भी पारित हो चुका है लेकिन शासनादेश लागू नहीं किया गया। लिहाजा, शासनादेश जारी होने के बाद ही साफ होगा कि उन्हें टैक्स में राहत मिलेगी या नहीं।
नगर विकास विभाग के इस प्रस्ताव को बृहस्पतिवार को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद होटल एसोसिएशन से जुड़े उन लोगों ने राहत की सांस ली जो काफी समय से टैक्स में छूट की मांग कर रहे थे। सरकार के निर्णय के मुताबिक प्रापर्टी टैक्स में छूट उन्हीं होटलों को मिलेगी, जो पर्यटन विभाग में पंजीकृत होंगे।
कारोबारियों का कहना है कि सरकार ने देर से निर्णय लिया है। टैक्स बहुत ज्यादा होने का असर कारोबार पर पड़ रहा था। कारोबारियों का यह भी कहना है कि कुछ साल पहले भी कैबिनेट में यह प्रस्ताव पारित हो चुका है लेकिन शासनादेश जारी न होने के कारण नगर विकास विभाग ने इसे लागू नहीं किया था। इसका खामियाजा वे अब तक भुगत रहे हैं।
फिलहाल ये हैं प्रापर्टी टैक्स की दरें
पर्यटन विभाग के मुताबिक फिलहाल होटलों पर प्रापर्टी टैक्स की अलग-अलग दरें हैं। चार सितारा से कम रेटिंग वाले होटलों से आवासीय का पांच गुना प्रापर्टी टैक्स लिया जाता है। चार सितारा या इससे ज्यादा रेटिंग वाले होटलों से छह गुना टैक्स वसूला जाता है। जिन होटलों में बार की सुविधा होती है, वे किसी भी श्रेणी के हों, उनसे भी आवासीय भवनों की तुलना में छह गुना टैक्स लिया जाता है
लंबी लड़ाई लड़ी गई है। पहले भी एक आदेश हुआ था, जिसे नहीं माना गया। अभी सिर्फ मंत्रिमंडल से टैक्स कम करने की मंजूरी मिली है लेकिन नगर विकास विभाग इसे तभी लागू करेगा जब उसके पास शासनादेश पहुंचेगा। -सतीश अग्रवाल, होटल व्यवसायी
मुख्यमंत्री ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होटलों पर लागू प्रापर्टी टैक्स आवासीय भवनों की तुलना में छह गुना से कम कर तीन गुना करने का जो फैसला लिया है, वह सरहानीय है। होटल इंडस्ट्री को इसका फायदा मिलेगा। -मेहताब सिद्दीकी, होटल व्यवसायी
सरकार ने होटल एसोसिएशन की मांग पर टैक्स कम करने का जो निर्णय लिया है, उसका स्वागत है। होटल व्यवसाय घाटे से गुजर रहा है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। नए होटल खोलने के लिए भी व्यापारी आगे आ सकते हैं। - विजय चौहान, होटल व्यवसायी
होटल व्यवसाय से जुड़े कारोबारी टैक्स कम करने की मांग को लेकर लंबे समय से प्रयासरत थे। आखिरकार जीत मिल गई है। शासनादेश का इंतजार है। हम सरकार का धन्यवाद करने के साथ आगे भी सहयोग की अपेक्षा रखते हैं। -शुजा खान, व्यवसायी
सरकार ने घोषणा जरूर की है लेकिन टैक्स नीति साफ नहीं है। शासनादेश जारी होने पर ही स्थिति साफ होगी। होटल इंडस्ट्री की मांग का मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री ने संज्ञान लिया। उम्मीद है कि इस फैसले से उद्योग को बढ़ावा मिलेगा - निखिल थापर, होटल व्यवसायी
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