हल्द्वानी: भू-कानून पर आर-पार का ऐलान, बागेश्वर से आंदोलन का आगाज

हल्द्वानी, अमृत विचार। मूल निवास 1950 और भू-कानून को लेकर युवाओं में उबाल आने लगा है। देहरादून, दिल्ली के बाद मंगलवार को हल्द्वानी में पहाड़ी आर्मी उत्तराखंड संगठन ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। जिसमें उक्रांद, स्वराज हिंद फौज, वंदे मातरम ग्रुप, व्यापार मंडल, छात्र संघ आदि संगठनों ने हिस्सा लिया।
बैठक को संबोधित करते हुए पहाड़ी आर्मी के अध्यक्ष हरीश रावत ने कहा उत्तराखंड में पहाड़ियों के हक हककू की लड़ाई के लिए युवाओं ने कमर कस ली है। 15 जनवरी उत्तरायणी के दिन सरयू बगड़ बागेश्वर में आंदोलन का आगाज होगा। जहां हजारों की संख्या में आंदोलनकारी होंगे और स्थाई निवास प्रमाण पत्र को कुली बेकार प्रथा के तर्ज पर सरयू में बहा जाएगा।
इसके बाद 28 जनवरी को हल्द्वानी में हजारों की संख्या में आंदोलनकारी इकट्ठा होंगे। कहा कि प्रदेश के हर जिले, ब्लॉक और गांव स्तर पर आंदोलन चलाया जायेगा। सुशील भट्ट व सौरभ भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड में मूल निवास की लड़ाई कई वर्षों से चली आ रही है। मगर यह लड़ाई अब निर्णायक मोड़ लेने जा रही है। पहाड़ का युवा राजनीतिक प्रपंचों में अब नहीं आने वाला है। सुशील उनियाल व भूपेंद्र कोरंगा ने कहा कि बाहरी राज्यों से आए लोगों ने सरकार के साथ मिलकर पूरे पहाड़ को बर्बाद कर दिया है। भू-कानून हर कीमत पर लागू करना होगा।
बैठक में वक्ताओं ने सामूहिक रूप से उत्तराखंड में समूह ग और समूह घ की भर्तियों में मूल निवासियों को पूर्ण रूप से रिजर्वेशन देने और मेडिकल संस्थानों में इंजीनियरिंग कॉलेज में सबसे पहले मूल निवासियों के लिए रिजर्व करने की मांग उठाई। बैठक में भूपेंद्र कोरंगा, हेमंत पत, सौरभ भट्ट, कमल जोशी, कार्तिक उपाध्याय, शैलेंद्र दानू, जितेंद्र रौतेला, हरीश जोशी, गोकुल मेहरा, मधुकर बनोला, कौशल पाठक, बिरजू मयाल, भूपेश जोशी, अजय गोंडा, राजेंद्र जोशी, राजेंद्र जोशी, घनश्याम तिवारी समेत कई लोग मौजूद रहे।