अयोध्या: अधूरे काम को लेकर नृपेंद्र मिश्र ने जताई नाराजगी, कहा-एक सप्ताह में पूरे कर लिए जाएं बचे काम
अयोध्या, अमृत विचार। प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारियों के बीच रविवार को अयोध्या पहुंचे मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने बैठक से पूर्व मंदिर निर्माण व सुरक्षा उपकरणों की प्रगति का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने जन्मभूमि परिसर में बन रहे यात्री सुविधा केंद्र और बैग स्कैनिंग का कार्य पूरा न होने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने एक सप्ताह में सभी काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि आने वाले श्रद्धालुओं को बारिश और धूप से बचाने के लिए रामजन्मभूमि पथ कैनोपी लगाने का काम पूरा हो चुका है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। मंदिर में प्रवेश के पहले श्रद्धालु स्कैनिंग सेंटर से होकर यात्री सुविधा केंद्र तक जाएंगे।
उसके बाद उन्हें एक और सुरक्षा के लिए चेकिंग प्वाइंट से गुजरना पड़ेगा, जहां अंतिम सुरक्षा की जांच होगी। उसके बाद भी श्रद्धालुओं को रामलला का दर्शन प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि बहुत कम काम बचे हैं, उन्हें एक सप्ताह के अंदर पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान एलएंडटी, टाटा व जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।
1008 कुश वाटिका में जप, रोजाना एक लाख लोग खाएंगे भंडारा
अयोध्या। वहीं प्राण-प्रतिष्ठा से पहले राम का नाम लूटने की होड़ मचने जा रही है। रामघाट बाईपास स्थित बालू घाट में इसके लिए 100 एकड़ में झोपड़ी व तंबुओं का शहर बसाया जा रहा है, जिसमें विश्व कल्याणार्थ व श्रीरामलला के प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर सीताराम जप महायज्ञ होगा। यहां रोजाना 21 हजार नाम जापक नर्मदेश्वर शिवलिंग स्थापित कर उनका पंचामृत से अभिषेक भी करेंगे। साथ ही नव दिवसीय 100 कुंडों में 1100 दंपती राम मंत्र से हवन करेंगे। यहां 50 हजार श्रद्धालुओं के ठहरने के इंतजाम के साथ रोजाना एक लाख लोगों के लिए भंडारे का इंतजाम किया गया है।
संत आत्मानंद दास महात्यागी (नेपाली बाबा) के तत्वावधान में 14 से 25 जनवरी तक चलने वाले महायज्ञ को लेकर 1008 झोपड़ियां बनाई गई हैं, जिसमें नर्मदेश्वर विराजेंगे। इसके लिए मध्य प्रदेश की नर्मदा नदी के पत्थरों को तराश कर शिवलिंग बनाने का कार्य किया जा रहा है। नेपाली बाबा ने बताया कि कास व बांस की फज्जियों से बने 11 मंजिल के मंडप में 100 कुंड बनाए गए हैं। 14 को यजमानों के मुंडन से समारोह शुरू होगा। 17 से वाल्मीकि रामायण मंत्रों से रामाय के लिए हवन होगा।
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